जब तक आकाश गंगा पृथ्वी के पर्वतों पर गिरती रहती है और पृथ्वी पर धाराएँ बरसाती रहती है, तब तक जगत् को आनन्द पहुँचाने वाले यदुवंशी श्री कृष्ण की कथा उस समय निकलने वाली मन्द वायु के समान आनन्द देती रहती है। ताड़ के पत्ते झूलते हैं, जब तक संसार में राम और अराम (रावण) के युद्ध में राम की विजय की रामायण कथा सुनी या जानी जाती है। तब तक आप दीर्घायु हों और इस भोगभवन अर्थात् पृथ्वी पर प्रसिद्धि पा सकें।
what is its reference ?
ReplyDeletecould give Hindi meaning of this verse?
ReplyDeleteअर्थ लिख दीजिए
ReplyDeleteकृपया श्लोक का अर्थ लिखें!
Deleteक्या आपके सम्पर्क में ऐसे कोई विद्वान नहीं हैं जो इस श्लोक का अर्थ लिख सकें? पाठक कब से मांग कर रहे हैं?
Delete
Deleteजब तक आकाश गंगा पृथ्वी के पर्वतों पर गिरती रहती है और पृथ्वी पर धाराएँ बरसाती रहती है, तब तक जगत् को आनन्द पहुँचाने वाले यदुवंशी श्री कृष्ण की कथा उस समय निकलने वाली मन्द वायु के समान आनन्द देती रहती है। ताड़ के पत्ते झूलते हैं,
जब तक संसार में राम और अराम (रावण) के युद्ध में राम की विजय की रामायण कथा सुनी या जानी जाती है।
तब तक आप दीर्घायु हों और इस भोगभवन अर्थात् पृथ्वी पर प्रसिद्धि पा सकें।
Nyc
ReplyDelete