माता से भगवान शिव ने कहा की ।
दीपम स्पर्शा या देवी माम् कर्म कारयेत् ।
तस्य अपराधे भूमि पापम् प्राप्य नोति मनवा।। ⤵
तस्य अपराधे भूमि पापम् प्राप्य नोति मनवा।। ⤵
हे देवी मेरी पूजा करते समय दीपक का स्पर्श हो जाये तो उस मनुष्य को हाथ साफ कर लेने चाहिए अन्यथा पाप का भागी होता है ।। तो यहाँ माता ने संका की देवादिदेव ऐसा क्यों दीपक तो पूजा में आता है तो भगवान शिव कहने लगे
दीपो भक्षयते ध्वान्तं कज्जलं च प्रसूयते ।
यादृशं भक्षयेदन्नं जायते तादृशी प्रजा ॥⤵
यादृशं भक्षयेदन्नं जायते तादृशी प्रजा ॥⤵
दीपक का भोजन अँधेरा अँधेरे को खाकर के वह काजल पैदा करता है और इसी प्रकार मनुष्य भी जिस अन्न खाता है वेसी ही सन्तान पैदा करता इस लिए स्पर्शता के दोष निवारण के लिए हाथ साफ करने चाहिए
सभी वेद्विदित परमश्रद्धेय तपोनिष्ठ मूर्तियों को नमन
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
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