Wednesday, November 4, 2015

शारीरिक फिटनेस जैसे आजकल एक जरुरी कार्य में शामिल हो गया है. वैसे ही व्याधियों व परेशानियों के लिए भी जरुरी है कि व्यक्ति को एक अच्छे आस्ट्रोलाजर से से कुण्डली दिखाकर आने वाले अच्छे-बुरे समय के बारे में चर्चा व जानकारी कर लेनी चाहिए...ऐसा मेरा मानना है...जैसे कि कन्या लग्न है तो....
इससे सम्बन्धित लोग अक्सर पेट की परेशानी से व्यतिथि रहते हैं.क्यूंकि यह आंतो की प्रतिनिधित्व करती है.मुख्यतः इससे सम्बन्धित लोग छोटी और बड़ी दोनों ही आँतों व मलाशय को प्रभावित करती है.इससे कमर दर्द व कमर से सम्बन्धित व नसों तथा कंधे और कान प्रभावित होते हैं.इसका स्वामी बुध बुद्धि से सम्बन्धित है अतः मानसिक परेशानी भी होती है जिसके कारण अनिद्रा व रक्तचाप जैसी समस्या उत्पन्न होती है.बिजिनेस,बैंकिंग,लेंन-देन,तथा C A का भी कारक है.
ये पृथ्वी तत्व व द्विस्वभाव और स्त्री से सम्बन्धित है इस लग्न से सम्बन्धी जब कोई समस्या आती है तो चन्द्रमा जब जब इसके नक्षत्रो से गुजरेगा तब तब व्यक्ति  को राहत मिलती है..ये दिन बहुत ही अच्छे साबित होते हैं.
अगर आप समस्या ग्रस्त हैं..तो पन्ना चाँदी में पहने.तथा हरा-पीला व सफ़ेद रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करें...लाल रंग से कोंसों दूर रहिये.
ऐसे लोंगों के लिए 2-3-5-6-7-..अंक लाभ दायक होते हैं.
यह सारी बातें एक ज्योतिषीय गणित व अनुभव का सार है..

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