ऊर्ज कृष्ण चतुर्दश्यामः भोमेस्वत्वयं कपिश्वरः।
मेषः लग्नो अंजना मातःप्रदुर्भूतो स्वम् शिवः।।
मेषः लग्नो अंजना मातःप्रदुर्भूतो स्वम् शिवः।।
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी भौम वार कपिस्वर केशरी के यहां माता अंजना के गर्भ से मेष लग्न में स्वम् भगवान शिव हनुमान जी के रूप में अवतरित हुए
जानि राम सेवा सरश आपुहि किय अनुमान।
पुरुषा ते सेवक भये हर ते भये हनुमान।।
पुरुषा ते सेवक भये हर ते भये हनुमान।।
आप सभी को मारुतिनंदन हनुमान जयंती की शुभ कामनाएं
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
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