Sunday, November 8, 2015

|| मध्यदिने निशाकाले अर्धरात्रे च सर्वदाः||


     

मध्यदिने निशाकाले अर्धरात्रे च सर्वदाः।
चतुस्यपथं न सेवते उभे सन्धे तथैव च।।⤵
दोपहर रात्रि के समय आधी रात में हो सके तो हमेशा के लिये चौराहे का त्याग कर देना चाहिये यहाँ अधिक समय तक खड़ा नही होना चाहिये।।
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पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830  

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