Sunday, November 8, 2015

धनतेरस विशेष

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धनतेरस विशेष
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धनतेरस के दिन खरीददारी का बहुत अधिक महत्व है। इसके साथ-साथ इस दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि भी अपने हाथ में कलश लेकर अवतरित हुए थे। जिस दिन भगवान अवतरित हुए थे उस दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी थी। जिसे धनतेरस के दिन पूजा का विधान है। जो कि दीपावली से दो दिन पहलें पडता है।
धन्वंतरि का कलश लेकर अवतरित होने के कारण इस दिन कोई बर्तन खरीदने पर आपको कई गुना ज्यादा फल मिलता है। धन्वंतरि को औषधि के देवता भी कहा जाता है।
💥शुभ दीपावली💥
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दीपावाली उत्सव धनतेरस से शुरू होता है और भैया दूज पर समाप्त होता है। अधिकतर प्रान्तों में दीवाली की अवधि पाँच दिनों की होती है जबकि महाराष्ट्र में दीवाली उत्सव एक दिन पहले गोवत्स द्वादशी के दिन शुरू हो जाता है। 
इन पाँच दिनों के दीवाली उत्सव में विभिन्न अनुष्ठानों का पालन किया जाता है और देवी लक्ष्मी के साथ-साथ कई अन्य देवी देवताओं की पूजा की जाती है। हालाँकि दीवाली पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी सबसे महत्वपूर्ण देवी होती हैं। पाँच दिनों के दीवाली उत्सव में अमावस्या का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है और इसे लक्ष्मी पूजा,लक्ष्मी-गणेश पूजा और दीवाली पूजा के नाम से जाना जाता है। 
दीवाली पूजा केवल परिवारों में ही नहीं, बल्कि कार्यालयों में भी की जाती है। पारम्परिक हिन्दू व्यवसायियों के लिए दीवाली पूजा का दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन स्याही की बोतल, कलम और नये बही-खातों की पूजा की जाती है। दावात और लेखनी पर देवी महाकाली की पूजा कर दावात और लेखनी को पवित्र किया जाता है और नये बही-खातों परदेवी सरस्वती की पूजा कर बही-खातों को भी पवित्र किया जाता है। 
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद का होता है। सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष के समय व्याप्त अमावस्या तिथि दीवाली पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है। अतः दीवाली पूजा का दिन अमावस्या और प्रदोष के इस योग पर ही निर्धारित किया जाता है। इसलिए प्रदोष काल का मुहूर्त लक्ष्मी पूजा के लिए सर्वश्रेस्ठ होता है और यदि यह मुहूर्त एक घटी के लिए भी उपलब्ध हो तो भी इसे पूजा के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।  🌻🌹🌻🌹🌻🌹🌻
आज 9 नवम्बर का राशि फल
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मेष (Aries): भवन या भूमि की खरीददारी के लिए भी समय अच्छा है। उत्तरार्ध में खर्चे बढ़ेंगे और विरोधी पक्ष आपको परेशान कर सकता है।
वृषभ (Taurus): आपकी परिस्थितियों में तेजी से बदलाव शुरू होगा। ऐसा लगेगा मानों सब कुछ आपके विरूद्ध हो। मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।
मिथुन (Gemini): दूसरों के मामले में ज्यादा दखल न दें अन्यथा मानहानि तथा अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क (Cancer): घरेलू जीवन को लेकर मन के भीतर उथल पुथल रह सकता है। उत्तरार्ध में तनाव और बढ़ सकता है। परेशानियों का अनुभव होगा।
सिंह (Leo): आपके खर्च कम हो जाएंगें फलस्वरूप आपका मन शांति का अनुभव करेगा लेकिन संतान पक्ष को लेकर चिंता रह सकती है।
कन्या (Virgo): अपनी मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी होगा। अगर आपने प्रयास किया तो धन संचय के मामले में जरूर सफलता मिलेगी।
तुला (Libra): खान पान और अपनी दिनचर्या का ध्यान रखना जरूरी होगा अन्यथा स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। काम करने में सफलता प्राप्ति के योग हैं।
वृश्चिक (Scorpio): आप कम समय में अधिक काम करने में कामयाब हो सकते हैं क्योंकि इस समय आपकी हिम्मत और पुरूषार्थ शक्ति बढ़ी हुई रहेगी।
धनु (Sagittarius): व्यवसाय में पहले से अधिक लाभ प्राप्त होगा। माता पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा केवल संतान पक्ष से असंतोष मिल सकता है।
मकर (Capricorn): आपका सामना कठिनाईयों से हो सकता है। तमाम वैर-विरोध का सामना करते हुए सभी कठिनाईयों को धीरे-धीरे पराजित कर डालेंगे।
कुंभ (Aquarius): इस समय आपको हर काम संयम से करना चाहिये। व्यवसाय में भी संघर्ष के बाद सफलता मिलेगी। धन लाभ व बचत के अच्छे योग हैं।
मीन (Pisces): घरेलू मामले में कुछ हद तक परेशानियां रह सकती हैं। माता के स्वास्थ्य में कमजोरी आ सकती है। आपसी तालमेल एवं सौहार्द की कमी होगी।
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पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
धर्मार्थ वार्ता समाधान संघ
जयतु गुरुदेवः जयतु भारतम्🎆🙏🎆
अस्तु शुभम् आप सभी का दिन मंगलमय हो |

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