Tuesday, November 3, 2015

🌹🌹🌹जय श्री सीता राम🌷🌹🌹🌹💐🌷🌹पुनि पुनि कितनी हो कही सुनाई,हिय की प्यास बुझत न बुझाई।
सीता राम चरित अतिपावन,मधुर सरस अरु अति मनभावन।।
जय राम रमारमनं समनं,भव ताप भयाकुल पाहि जनं।
अवधेस सुरेस रमेस बिभो,सरनागत मागत पाहि प्रभो।।🌷🌹💐🙏🌹🌷❤🌹🌷
जय हनुमान आदर्श राम लीला परिषद कोपर खैरणे नवी मुम्बई ।।

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