Wednesday, November 4, 2015

सुनील जी का प्रश्न मृत्यु से बड़ा नाम होता है जिसे वह कुछ नही कर सकती जैसा की मानस मर्मज्ञ लोक कहते है यथा
काह न करे अबला प्रबल काह न कालहि खाय
काह न पावक जरि सके काह न सिंधु समाय।
छुद्र बुद्धि उत्तर प्रेषित है यथा
पुत्र जनहि नही अबला प्रबल नाम न कालहि खाय
ज्ञान न पावक जरि  सके सत्य न सिंधु समाय।
और गीता में लिखा है नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोष्यति मारुतः ।
अनिल जी इससे सन्तुष्टि न हो तो आगे बढ़ा जाय

2 comments:

  1. ये उत्तर कहां लिखा है
    (नाम न कालही खाय)

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  2. हमे न ही मालूम है कृपया आप बताए आचार्य

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