Wednesday, November 11, 2015

|| दीपावली का पर्व ||


     

पांच दिनों का होता हैदीपावली का पर्व पहले दिन को धनतेरस या धनत्रेयोंदशीं कहते है जिसे माँ लक्ष्मी की पूजा के साथ मनाया जाता है। इसमें लोग देवी को खुश करने के लिये भक्ति गीत, आरती और मंत्र उच्चारण करते है। दूसरे दिन को नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली कहते है जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है क्योंकि इसी दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। ऐसी धार्मिक धारणा है कि सुबह जल्दी तेल से स्नान कर देवी काली की पूजा करते है और उन्हें कुमकुम लगाते है।
तीसरा दिन मुख्य दिपावली का होता है जिसमें माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, अपने मित्रों और परिवारजन में मिठाई और उपहार बाँटे जाते है साथ ही शाम को जमके आतिशबाजी की जाती है।
चौथा दिन गोवर्धन पूजा के लिये होता है जिसमें भगवान कृष्ण की अराधना की जाती है। लोग गायों के गोबर से अपनी दहलीज पर गोवर्धन बनाकर पूजा करते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उँगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर अचानक आयी वर्षा से गोकुल के लोगों को बारिश के देवता इन्द्र से बचाया था। पाँचवें दिन को हमलोग यामा द्वीतिय या भैया दूज के नाम से जानते है। ये भाई-बहनों का त्योहार होता है।

पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830  

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