शुभाशीषः ।🌺 यावत् तोयधराधरा धर धरा धारा धरा भूधरा । यावत् चारुसुचारु चारु चमरं चामीकरं चामरम् । यावत् रावण रामरामरमणं रामायणं श्रुयते । तावत् भोग विभोगभोगमतुलं भोगायते नित्यशः ।।
what is its reference ?
could give Hindi meaning of this verse?
अर्थ लिख दीजिए
कृपया श्लोक का अर्थ लिखें!
क्या आपके सम्पर्क में ऐसे कोई विद्वान नहीं हैं जो इस श्लोक का अर्थ लिख सकें? पाठक कब से मांग कर रहे हैं?
Nyc
what is its reference ?
ReplyDeletecould give Hindi meaning of this verse?
ReplyDeleteअर्थ लिख दीजिए
ReplyDeleteकृपया श्लोक का अर्थ लिखें!
Deleteक्या आपके सम्पर्क में ऐसे कोई विद्वान नहीं हैं जो इस श्लोक का अर्थ लिख सकें? पाठक कब से मांग कर रहे हैं?
DeleteNyc
ReplyDelete