Tuesday, October 6, 2015

|| राम की करुणा ||

     

राम की करुणा 
राम भगवान बचपन में अपने भाईयो के साथ राज महल से बाहर अयोध्या में भ्रमण कर रहे थे तभी उनको सामने से नेत्र हीन बालक आता दिखाई पड़ा राम अपनी बाल्यावस्था की लीला दर्शाते हुये नीचे पड़ी धूल को उस नेत्र हीन बालक के ऊपर डाल दी और सभी भाई मिल कर हँसने लगे! तभी नेत्र हीन  बालक अपना उपहास सहन करते हुये लाचार अवस्था में कहने लगा कि मै तो नेत्र हीन हूँ यदि मेरे पास नेत्र ज्योती होती तो हम भी तुम्हारे ऊपर धूल डालते और तुम्हारा उपहास करते लेकिन विधाता ने शायद मुझे उपहास सहन करने के लिये ही बनाया है! तभी राम ने उस बालक से कहा कि मै राज कुमार राजा दशरथ का पुत्र हूँ और ये सब हमारे अनुज है !नेत्र हीन बालक बोला आप कोई भी हो यदि मै देख सकता तो अवश्य तुम्हारे अपराध का जवाब देता राम ने कहा कि निश्चय ही मुझे दंड दोगे ! बालक ने कहा जी हाँ तभी राम उस नेत्र हीन बालक को  नेत्र ज्योती प्रदान करते हुये बोले अब दो दंड मेरे अपराध का वह बालक राम के दर्शन करते हुये उनके चरणों में गिर पड़ा और प्रशनं चित होकर विनंती करने लगा राम ने कहा हम बोले थे कि हम राज कुमार है आप मुझे दंड नही दे सकते !इस प्रकार कि बहुत सारी लीलाये अपने बाल्यावस्था में कि जो विश्राम सागर में है महर्षि वैदिक ब्राह्मण संघ में समर्पित
शुभ प्रभात 


पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830 

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