Tuesday, October 6, 2015

|| जीवन की डोरी बंधी तुझसे मोरी ||

     

जीवन की डोरी बंधी तुझसे मोरी
तोरा मैं सजना, सजनी तू मोरी
मैं वट का छोरा तू भानु की छोरी
जीवन की डोरी बंधी तुझसे मोरी
आँखों में मेरे सपने सुनहरे
हर रंग में तेरे दिखते हैं चेहरे
सीपी मैं कोई तू जिसका मोती
दिन नाही बीतें ये रातें ना सोती
आन मिलो अब फिर से हो होरी
जीवन की डोरी बंधी तुझसे मोरी
साँसों में तुमको बसाया है मैंने
संग संग हर क्षण में पाया है मैंने
प्राणों से बढ़कर तुम्हे ही है पूजा
तुम बिन मेरा सखा नाही दूजा
आस यही भेंट हो तुमसे मोरी
जीवन की डोरी बंधी तुझसे मोरी


पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830

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