Thursday, October 15, 2015

|| कुणाल जी ||


     
कुणाल जी,
प्रारब्ध पर चाहे अनचाहे का प्रश्न ही नहीं है। दूसरी बात यह कि कर्मफल क्रिया मात्र से ही प्रारम्भ हो जाता है। किसी की मृत्यु काल के अधीन ही है, लेकिन कारण या माध्यम तो पार्थिव ही रहेगा। कार्य और कारण के बीच अनोखा तादात्म्य है जो बहुत जटिल है। बाबर काबुल का था,लेकिन अकबर भारत में पैदा हुआ और जोधा से निकाह किया। यही है प्रकृति का कहीं का ईंट, कहीं का रोड़ा।  कीन्हा चहइ करावइ सोई। अतः प्रायश्चित अपरिहार्य है। जब गर्भाधान का प्रायश्चित है, किसी की मृत्यु पर क्यों नहीं। बहुत व्याख्या करूँगा, तो आप पढ़ना पसंद न करें। अतः इतना ही।

पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830  

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