दरो दरिद दया-दानि दुर्गे।
दुष्ट दनुज-दलनि,
दुःख दमनि देवि!
दरो दरिद दया- दानि दुर्गे।
द्रवहु, दश दिशि दुर्जनारि,
द्रुत देहु दरस दृग- द्वंद्व-दहनि।
दरो दरिद दया-दानि दुर्गे।
शारदीय नवरात्रि की अशेष मंगलकामनाएं।
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
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