Saturday, October 17, 2015

|| व्रत का खाना ||


     

व्रत का खाना
भारत में व्रत की परंपरा सदियों से है. व्रत कई तरह के होते हैं- कुछ व्रत ऐसे होते हैं जिनमें पानी तक नही पिया जाता है जैसे कि, करवा चौथ, सकट चौथ, तीज , इत्यादि. कुछ व्रत ऐसे होते हैं जिनमे खाली फलाहार खाया जाता है, जैसे कि- जन्माष्टमी, नवरात्रि, एकादशी वग़ैरह-वग़ैरह....
नवरात्रि के दिनों में बहुत से लोग आठ दिनों के लिए व्रत रखते हैं (पड़वा से अष्टमी), और केवल फलाहार पर ही आठों दिन रहते हैं. फलाहार का अर्थ है, फल एवं और कुछ अन्य विशिष्ट सब्जियों से बने हुए खाने. फलाहार में सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है. नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम के जन्म की रस्म और पूजा (रामनवमी) के बाद ही उपवास खोला जाता है. जो लोग आठ दिनों तक व्रत नहीं रखते, वे पहले और आख़िरी दिन उपवास रख लेते हैं (यानी कि पड़वा और अष्टमी को).
अब यह आपकी श्रद्धा, और हिम्मत पर है कि आप कौन सा व्रत रखते है. और किस तरह से रखते हैं. फलाहार - फलाहार की परिभाषा भी बहुत व्यापक है - जहाँ कुछ लोग केवल हरी मिर्च को ही फलाहार मानते हैं वहीं कुछ और लोग काली और लाल मिर्च को भी व्रत में खाते हैं. ऐसा ही कुछ सब्जियों के साथ भी है- कुछ परिवारों में खाली आलू, शकरकंद, और लौकी को ही फलाहारी माना जाता है , वहीं कुछ और लोग अरबी को भी व्रत में खाते हैं. खैर.... आप श्रद्धा से व्रत रखें और बनाए फलाहारी खाना अपने परिवार की परंपरा के मुताबिक.....
नाना प्रकार का फलाहारी खाना/ फलाहारी दावत- भुनी मूँगफली और मखाने, मखाने की खीर, साबूदाने का पुलाव, दही, सिंघाड़े की नमकीन बरफी, कूटू के पकौड़े, और फलाहारी चटनी.
vratkithali
कुछ हल्के फुल्के फलाहारी व्यंजन
अरबी के फलाहारी कबाब अरबी के फलाहारी कबाब-अरबी जिसे उत्तर भारत में घुइयाँ के नाम से भी जाना जाता है आलू और शकरकंद के जैसे आमतौर पर सभी परिवारों में व्रत के दिनों में खाई जाती है. अरबी से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. अरबी के कबाब बहुत आसानी से बनने वाला फलाहारी व्यंजन है. अरबी में क्योंकि स्टार्च होता है तो यह थोड़ा चिपकती है, इसलिए हमने इसमें कूटटू का आटा मिलाया है जिससे इसे बाँधने में आसानी रहती है... तो आप भी बना कर देखिए यह स्वादिष्ट फलाहारी कबाब.... .....
Singhare_Ki_Namkeen_Burfih सिंघाड़े की नमकीन बरफी-सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, विटामिन बी -6, रिबॉफ्लेविन आदि प्रचुर मात्रा में होता है. यह कच्चा भी खाया जाता है, और उबाल कर भी. सिंघाड़े का आटा भी बाजार में आसानी से मिल जाता है. सिंघाड़े और इसके आटे के नाना प्रकार के व्यंजन उपवास के दिनों में बनाए जाते हैं. आज हम सिंघाड़े की नमकीन बरफी .......
Sabudana_Pulavh साबूदाने का पुलाव-साबूदाने को ज़्यादातर परिवारों में व्रत के दिनों में खाया जाता है. साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा सोत्र है जिससे इसे खाने से उर्जा मिलती है. वैसे शायद यही वजह है कि बिना व्रत के भी लोग साबूदाने का प्रयोग करते है....साबूदाने से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे कि, साबूदाने के पापड़, साबूदाने की कचड़ी, साबूदाना वड़ा, साबूदाने की खीर इत्यादि. आज हम आपको साबूदाने का फलाहारी पुलाव बनाना बता रहे हैं......
Samo_Rice सामो/ समा चावल पुलाव–सामो/ समा चावल आमतौर पर व्रत के दिनों में खाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के चावल हैं. देखने में यह चावल सूजी से थोड़े बड़े और दलिया से थोड़े छोटे दाने जैसे होते हैं. मैने यह पुलाव एक विशेष फरमाइश पर पहली बार नाश्ते में बनाया और सबको यह बहुत पसंद आया. वैसे कुछ परिवारों में यह चावल व्रत के दिनों में नही खाया जाता है तो आप अपने परिवार की परंपरा के अनुसार बनाए.
Vrat_Ki_Sabji कूटू की सब्जी- जो लोग नवरात्रि में आठ दिन का उपवास रखते हैं उनका मन हर दिन कुछ अलग और हल्का खाने को करता है ऐसे में यह कूटू की सब्जी बहुत अच्छी रहती है. उनके लिए यह सब्जी बहुत अच्छी रखती है. उबले आलू, खट्टे दही, और कूटू के आते से बनाई गयी यह सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है. आप इसे कूटू की पूरी, या फिर कूटू के चीले/ कूटू के पराठे किसी के साथ भी परोस सकते हैं. तो इस नवरात्रि में बनाइए कूटू की सब्जी और कूटू के पराठे............
कूटू के पराठे कूटू के पराठे-कूटू एक ऐसा फल है जिसे व्रत के दिनों में खाया जाता है. कूटू भारत में तो आसानी से मिल जाता है लेकिन भारत के बाहर तो मैने खाली कूटू का आटा ही देखा है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं. जैसे कि कूटू की पकौड़ी, कूटू की पूरी, कूटू के चीले, कूटू का हलवा, कूटू के पराठे इत्यादि.....आज हम आपको कूटू के पराठे बनाने की विधि बता रहे हैं. कूटू के व्यंजन बनाते ......
फलाहारी चटनी फलाहारी चटनी - इस चटनी को खासतौर पर व्रत के दिनों के लिए तैयार किया गया है. इस चटनी में आइरन, और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और यह व्रत के लिए बहुत उम्दा रहती है.
Grape Chutney अंगूर की चटनी-अंगूर की यह चटनी फलाहारी है. इस चटनी को बनाने का आइडिया मुझे भारत के मशहूर शेफ़ संजीव कपूर की एक अंगूर की चटनी से आया और इसमें कुछ बदलाव करके इसे फलाहारी बना लिया है. यह मीठी चटनी स्वादिष्ट तो है साथ में स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छी है. आप चाहें तो इसमें शक्कर के स्थान पर खजूर भी पीस कर डाल सकते हैं....यह चटनी फलाहारी थालीपीठ , कूटू के पकौड़े या फिर किसी भी फलाहारी स्नैक/ नाश्ते के साथ सर्व करी जा सकती है....
व्रत की लौकी व्रत की लौकी -लौकी खाने में तो स्वादिष्ट होती ही और स्वास्थ के लिए भी बहुत ही अच्छी रहती है. क्योंकि लौकी में 96% मात्रा पानी की होती है , यह व्रत की दिनों के लिए उपयुक्त है. हल्की फुल्की सी यह व्रत की लौकी की रेसिपी बड़ी स्वादिष्ट लगती है कुत्टू या फिर सिंघाड़े के चीले के साथ. तो बनाइए इस बार लौकी की सब्जी और चीले.....
ककड़ी/खीरे और आलू का सलाद ककड़ी/खीरे और आलू का सलाद - इस सलाद को ख़ासतौर पर व्रत की दिनों में बनाया और खाया जाता है. गर्मी की दोपहर में यह सलाद बिना व्रत के भी बनाइए, यह बहुत ही स्वादिष्ट और सेहत के लिए भी अच्छा होता है, क्योंकि इसमें खीरा है, और खीरे में नब्बे प्रतिशत पानी होता .
व्रत के आलू व्रत के आलू - व्रत के दिनों में आमतौर पर मसालों का प्रयोग नही किया जाता है. आलू की यह रेसिपी व्रत के साथ साथ आम दिनों में भी इस्तेमाल में लाई जा सकती अगर आप का मन कुछ सादा खाने का है तो. तो बनाइए स्वादिष्ट आलू...
सिंघाड़े के चीले सिंघाड़े के चीले -सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, विटामिन बी -6, रिबॉफ्लेविन आदि प्रचुर मात्रा में होता है. यह कच्चा भी खाया जाता है, और उबाल कर भी. सिंघाड़े के व्यंजन उपवास के दिनों में भी बनाए जाते हैं. शरद नवरात्रि के समय भारत में सिंघाड़े बहुतायत में आते हैं. वैसे सिंघाड़े का आटा पुर साल आसानी से मिल जाता है, अगर आपको सिंघाड़े का आटा ना मिले तो आप कूटू के आटे का प्रयोग भी कर सकते हैं इन चीलों को बनाने के लिए...
भुनी हुई मूँगफली
भुनी हुई मूँगफली - मूँगफली में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है. इसमें लोहा और मॅग्नीज़ियम भी पाया जाता है. मूँगफली को ग़रीबों की मेवा कहते हैं... यह बहुत ही आसान सी विधि है घर पर मूँगफली भूनने की.
Phalahari_Bhel
फलाहारी भेल -मूँगफली में प्रोटीन बहुतायत में होता है और मखाने में कार्बोहाईड्रेट. इन फलाहारी मेवे के साथ बनाई गयी यह भेल व्रत के दिनों में अति उत्तम रहती है. तो बनाइए इस आसान भेल को......इस विधि में भेल या लईया तो है ही नहीं ! - लेकिन व्रत में अन्न वर्जित है, इसीलिए यह बिना भेल की भेल है -मखाने की !
Fruit Salad in yogurt dressing
फलों का सलाद दही की ड्रेसिंग में - फलों का यह सलाद स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी है. इसमें कैल्शियम, विटामिन, और कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं जिनकी हमें उपवास के दौरान ज़रूरत होती है. इस सलाद के लिए फलों का चयन आप मौसम और उपलब्धता के अनुरूप कर सकते हैं. तो बनाइए फटाफट बनने वाला यह सलाद.....
dahi ke aloo
दही के आलू - दही कैल्शियम का अच्छा स्रोत है. इसमे प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में होती है. उपवास के दिनों में अधिकतर परिवारों में दही खाया जाता है. स्वादिष्ट दही के आलू व्रत में बहुत अच्छे लगते हैं. कुटु और सिंघाड़े के व्यंजन गर्म तासीर के होते हैं, इसीलिए इन्हें दही के व्यंजनों के साथ परोसा जाता है. एक बहुत ही आसान सी विधि दही के फलाहारी आलू बनाने की...
स्ट्रॉबेरी के क्रिस्टल
स्ट्रॉबेरी के क्रिस्टल- स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, और स्ट्रॉबेरी फॉलिक एसिड, आइरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम की भी अच्छी सोत्र हैं. व्रत के दिनों में अमेरिका में स्ट्रॉबेरी आसानी से मिल जाने वाला फल हैं और सेहत के लिए भी अच्छा है.
Fruit Salad With Strawberry Glaze फलों का सलाद स्ट्रॉबेरी ड्रेसिंग के साथ –फलों का यह सलाद एक नये रूप में पेश किया गया है. जाड़े के मौसम में जब तरह-तरह के फल आते हैं तब आप जो भी फल आसानी से उपलब्ध हैं उनके साथ बना सकते हैं इस सलाद को. स्ट्रॉबेरी ड्रेसिंग बनाने के लिए स्ट्रॉबेरी जैम का इस्तेमाल किया गया है. तो फिर आसानी से बनने वाले इस स्वादिष्ट सलाद को आप भी बनाइए......
कुछ फलाहारी ठंडे-गरम पेय
Badam Milk बादाम का दूध–बादाम में आइरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है. कहते हैं कि अगर पाँच बादाम सुबह निन्ने मुँह खाए जाएँ तो यह सेहत के लिए अति उत्तम रहता है. दूध के साथ बादाम का संगम ना केवल एक स्वादिष्ट बल्कि पौष्टिक पेय बनlता है. बादाम के दूध की यह रेसिपी आज़मए, स्वाद और सेहत का खजाना है यह......  Mango Lassi मैंगो लस्सी– मैंगो लस्सी एक बहुत ही लोकप्रिय, दही से बनने वाला ड्रिंक है. वैसे शायद आप यकीन ना मानें लेकिन यह सच है कि मैने मैंगो लस्सी पहली बार भारत में नही बल्कि विदेश में पी थी. विदेश में सiदी लस्सी की जगह मैंगो लस्सी ज़्यादा प्रचलित है. तो इस बार आप व्रत के इस मौसम में आज़मए मैंगो लस्सी..... Milk shake मिल्क शेक- मिल्क शेक फलों और दूध के साथ बनने वाला एक स्वस्थ पेय है. अगर किसी को सादा दूध पीना पसंद नही है तो यह एक अच्छा तरीका है दूध और फलों को एक साथ मिलकर और उसमें थोड़ी सी कूटकर इलायची मिला दें , फिर देखिए दूध ना पीने वाले भी मिल्क शेक के नाम पर कैसे दूध की फरमाइश करते हैं.
Kesariya Lassi केसरिया लस्सी - लस्सी एक बहुत ही लोकप्रिय, दही से बनने वाला ड्रिंक है. केसरिया लस्सी भगवान कृष्ण के जन्म स्थान मथुरा में बनने वाली एक विशेष लस्सी है. इसमें केसर की बहुत ही अच्छी सुगंध है, जो भारतवर्ष के मंदिरों की यादें ताज़ा कर देती है. स्ट्रॉबेरी शेक स्ट्रॉबेरी शेक -स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, और स्ट्रॉबेरी फॉलिक एसिड, आइरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम की भी अच्छी सोत्र हैं. दूध और स्ट्रॉबेरी से बनने वाला यह पेय ना केवल स्वादिष्ट है बल्कि बहुत ही फ़ायदेमंद भी है. तो बनाइए इस आसानी से बनने वेल पेय को उपवास के दिनों में... Thandai ठंडाई-ठंडाई उत्तर भारत का एक बहुत ही मशहूर पेय है. इसे कई प्रकार के मसालों, गुलाब की पत्तियों, और बादाम को पीसकर दूध में डालकर होली के अवसर पर बनाते हैं. बातों ही बातों में मेरी गुजराती दोस्त ने बताया कि पश्चिम भारत में ठंडाई को ख़ासतौर पर शिव जी के भोग के लिए महा शिवरात्रि के अवसर पर भी बनाते हैं. इस बात से मुझे याद आया कि जब हम छोटे थे तो अगस्त महीने में ..
कुछ फलाहारी मिठाइयाँ
Almond Kheer बादाम की खीर -बादाम की खीर आप उपवास में भी खा सकते हैं. बादाम विटामिन और खनिज से भरपूर होते हैं और इन्हे सेहत का खजाना माना जाता है. कहते हैं सुबह निन्ने मुहँ ४ बादाम खाने से स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है. मैने इस खीर में बादाम को छिलके के साथ ही पीसा है क्योंकि बादाम के छिलकों में भी बहुत खनिज होते है....यह खीर बड़ी मजेदार होती है, और बच्चों को भी बेहद पसंद आती है.  शकरकंदी का हलवा  शकरकंदी का हलवा -शकरकंदी का हलवा एक पारंपरिक फलाहारी उत्तर भारतीय मिठाई है जिसे ख़ासतौर पर व्रत के लिए बनाया जाता है. मुझे याद है जब मैं छोटी थी तब मेरी दादी यह हलवा एकादशी के व्रत पर बनाती थी. शकरकंदी को बहुत गुणकारी कंद माना जाता है. इसमें रेशे बहुतायत में होते हैं और इसके साथ ही साथ इसमें विटामिन ए, सी, कैल्शियम, और लौह तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं. इस हलवे में आप जितना अधिक घी डालेंगे यह उतना ही अधिक स्वादिष्ट लगता है......  Singhade Ka Halwa सिंघाड़े का हलवा-सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, विटामिन बी-6, रिबॉफ्लेविन आदि प्रचुर मात्रा में होता है. यह कच्चा भी खाया जाता है, और उबाल कर भी. सिंघाड़े के आटे से भी तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. सिंघाड़े के व्यंजन उपवास के दिनों में बनाए जाते हैं. आज हम आपको सिंघाड़े का हलवा बनान बता रहे हैं. कैलोरी को कम करने के लिए हमने इसे कम घी में नॉन स्टिक कड़ाही में बनाया है लेकिन यकीन मानिए यह स्वाद में बहुत उम्दा है......  Dates and walnut burfi
अखरोट और खजूर की बर्फी- खजूर और अखरोट से बनी यह बरफी बनाने में बहुत आसान और बहुत पौष्टिक भी है. मैने यह बरफी बनाना अपनी एक सहेली अपर्णा से सीखा है. यह बरफी सभी को बहुत पसंद आती है तो चलिए इस बार जन्माष्टमी पर यह चट पट बनने वाली खजूर और अखरोट की बरफी बनाते हैं.
Samo Rice Kheer फलाहारी खीर-सामो चावल से बनी यह फलाहारी खीर खाने में तो स्वादिष्ट है ही बननाए में भी बहुत आसान है. सामो/ समा चावल आमतौर पर व्रत के दिनों में खाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के चावल हैं. देखने में यह चावल सूजी से थोड़े बड़े और दलिया से थोड़े छोटे दाने जैसे होते हैं. वैसे कुछ परिवारों में यह चावल व्रत के दिनों में नही खाया जाता है तो आप अपने परिवार की परंपरा के अनुसार बनाए व्रत का खाना.....सामो चावल की खीर बनाने के बाद कृपया अपनी राय ज़रूर लिखें......  Lauki Ka Halwa
लौकी का हलवा-लौकी का हलवा बहुत आसानी से और कम समय में बन जाने वाली मिठाई है. आजकल गर्मी के मौसम में हमारी बगिया में जब यह पहली लौकी आई तो लगा कि शुरुआत कुछ मीठे से की जाए.... लौकी का हलवा वैसे तो बिना दूध और खोए के भी बहुत सवदिष्ट लगता है लेकिन हम यहाँ आपको खोए के साथ और खोए के बिना दोनों तरह से लौकी का हलवा बनाना बता देते हैं. तो आप अपनी सहुलियत और स्वाद के अनुसार बनाएँ यह लौकी का हलवा.... इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि...
Paneer Paratha मेवा पाग/ सूखे मेवे की बर्फी- सूखे मेवे से बनाया गया यह पाग/ बरफी माँ के भोग के लिए अति उपयुक्त रहता है. इस पाग की विशेषता यह है कि इसको उपवास के दिनों में भी खाया जा सकता है. आप अपने स्वाद के अनुसार मेवे का चयन कर सकते हैं और अगर आप आठ दिन का उपवास रखते हैं तो ज़्यादा मात्रा में भी इस पाग को बना सकते हैं. अगर मौसम सामान्य है तो इस पाग को दो हफ्ते तक बिना फ्रिज के रख सकते हैं....  श्रीखंड श्रीखंड- श्रीखंड पश्चिम भारत की एक बहुत पारंपरिक मिठाई है. दही को मलमल के कपड़े में बाँधकर, और फिर उसे लटकाकर उसका पानी निकालने के बाद, शक्कर, मेवा, इलायची, और केसर डालकर बनाया जाता है श्रीखंड. श्रीखंड को बनाना तो आसान होता है लेकिन इसको बनाने के लिए थोड़े समय की आवश्यकता होती है.............  Lauki_Ki_Kheer लौकी की खीर-लौकी की खीर बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. इस स्वादिष्ट मिठाई को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर बनाइए और सबको खिलाइए. इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि यह फलाहारी है और व्रती लोग भी खा सकते हैं. .....  Badam Milk नारियल बरफी–नारियल किसी भी पूजा पाठ के मौके पर बहुत ही शुभ समझा जाने वाला फल है. नारियल दुनिया के किसी भी कोने में भी आप जाएँ तो आसानी से मिल जाएगा. इस बरफी को वो लोग भी खा सकते हैं जो किसी वजह से दूध नही ले सकते हैं, तो चलिए फिर बनाते हैं इस स्वादिष्ट बरफी को जिसे हम चाशनी मे बनाने जा रहे है....  Nariyal ke Ladoo नारियल के लड्डू- नारियल का लड्डू एक परंपरागत भारतीय मिठाई है. नारियल एक बहुत ही शुभ फल है, और लगभग सभी धार्मिक समारोहों में इसका प्रयोग होता है. नारियल के लड्डू बहुत स्वादिष्ट होते हैं, हालाँकि इन्हे बनाने में थोड़ा समय लगता है.  शाही आलू का हलवा शाही आलू का हलवा -आलू का हलवा एक पारंपरिक उत्तर भारतीय मिठाई है. यह हलवा फलाहारी होता है. मुझे याद है जब मैं छोटी थी तब मेरी दादी यह हलवा एकादशी के व्रत पर बनाती थी. आलू का यह हलवा बहुत स्वादिष्ट है लेकिन इसमें कैलोरी काफ़ी मात्रा में होती हैं, इसीलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि इस स्वादिष्ट हलवे को थोड़ा ध्यानपूर्वक खाया जाए........ मींग पाग  मींग पाग - कुछ लोग मींग को खरबूजे के बीज या फिर मगज के नाम से भी जानते हैं. खरबूजे के बीज से बनने वाली यह मिठाई जन्माष्टमी में ख़ासतौर से बनाई जाती है. चाशनी में बनने वाली यह मिठाई बहुत स्वादिष्ट होती है. अगर आपको खरबूजे के बीज नही मिलें तो आप तरबूज के बीज भी इस्तेमाल कर सकतें हैं. लौकी की लौज लौकी की लौज/ बर्फी -दूध और लौकी से तैयार की गयी यह मिठाई हल्की मीठी होती है. इस स्वादिष्ट मिठाई को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर बनाइए और सबको खिलाइए. इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि यह फलाहारी है और व्रती लोग भी खा सकते हैं.  मखाने की खीर मखाने की खीर- मखाने की खीर विशेष उपवास दिनों के लिए बनाई जाती है. मखाने प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं. यह खीर बड़ी मजेदार होती है, और बच्चों को बेहद पसंद आती है.
कुछ और स्वादिष्ट फलाहारी व्यंजन
Phalahari Thalipeeth फलाहारी थालीपीठ-थालीपीठ एक बहुत प्रसिद्ध माहरॉशट्रियन नमकीन डिश है. आज हम यहाँ पर साबूदाना, उबले आलू, भुनी मूँगफली, और सिंघाड़े के आटे से फलाहारी थालीपीठ बनाएँगे. अगर आप चाहें तो सिंघाड़े के आटे के स्थान पर इसमें कूटू का आटा भी डाल सकते हैं. आप इस स्‍वादिष्ट थालीपीठ को खीरे के रायते, फलाहारी चटनी या फिर सादे दही के साथ भी परोस सकते हैं. तो चलिए बनाते हैं फलाहारी थालीपीठ ....  Sabudana Vada साबूदाना वड़ा-साबूदाने को ज़्यादातर परिवारों में व्रत के दिनों में खाया जाता है. साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है - इसे खाने से उर्जा मिलती है. वैसे शायद यही वजह है कि बिना व्रत के भी लोग साबूदाने का प्रयोग करते है....साबूदाने से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे कि, साबूदाने के पापड़, साबूदाने की कचड़ी, साबूदाना पुलाव, साबूदाने की खीर इत्यादि. आज हम आपको साबूदाने के फलाहारी वड़े बनाना बता रहे हैं वैसे आप यह वड़े बिना व्रत के भी बना सकते हैं क्योंकि यह बेहद लज़ीज़ होते हैं.........  Singhare ke Pakore सिंघाड़े के पकौड़े- सिंघाड़े के पकौड़े बहुत स्वादिष्ट व्रत का व्यंजन है. आमतौर पर इन पकौड़ों को दही के साथ खाया जाता है. सिंघाड़े में स्टार्च प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. कूटू की पूरी कूटू की पूरी -कूटू एक ऐसा फल है जिसे व्रत के दिनों में खाया जाता है. कूटू भारत में तो आसानी से मिल जाता है लेकिन भारत के बाहर तो मैने खाली कूटू का आटा ही देखा है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं. तो चलिए बनाते हैं कूटू की पूरी. कूटू के व्यंजन बनाते समय एक बात का ध्यान रखें कि कूटू की तासीर बहुत गरम होती है इसलिए कूटू के साथ दही ज़रूर खाना चाहिए जिसकी तासीर ठंडी होती है......   कूटू के पकौड़े कूटू के पकौड़े -कूटू के पकौड़े भी सिंघाड़े के पकौड़े के जैसे ही बनाए जाते हैं. कूटू के पकौड़े सिंघाड़े के पकौड़े के मुक़ाबले में अधिक करारे बनते हैं. एक और बात जो ध्यान देने की है वो यह है कि कूटू सिंघाड़े की तुलना में अधिक गरम और भारी होता है. अब आप अपने स्वाद और उपलब्धता के अनुसार बनाएँ

पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830  

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