Saturday, October 17, 2015

|| परमात्मा से एक प्रार्थना ||


     

परमात्मा से एक प्रार्थना
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मेरे मन के गगन पटल पर
रहो सदा ध्रुव तारा बनकर
लक्ष्य तुम्ही, तुम्ही दिग्दर्शक
अंध पथिक के पथ प्रदर्शक
पार उतारो जहां प्रकाश है
तम सागर के नाविक बनकर।
बुला रहा हूँ तुझको कबसे
प्यास बुझाओ मेरे मन के
द्वार खुला है हृदय के आओ
मृदु हवा का झोंका बनकर ..
मेरे मन के गगन पटल पर
रहो सदा ध्रुव तारा बनकर

पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830  

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