गुण एक साथ नहीं रहते
अवगुण पृथक नहीं रहते
यह प्रकृति का नियम है ।
पांच विद्वान एक मत होकर नहीं रह सकते
पांच शराबी एक साथ मदिरालय जायेंगे
एक अफीमची साथी ढूँढ़ने के लिए जितना परेशान रहेगा कभी विद्वान को सत्संग के लिए साथी
ढूँढ़ते नहीं देखा गया है ।
विद्वत समाज में अपने शब्द रख रहा हूँ त्रुटी हेतु क्षमा करेंगे
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