Thursday, October 22, 2015

🔺🔺🔺⭕⭕ॐ भूर्भुवः स्वः⭕⭕🔺🔺🔺
ॐपरमगुरुशरणं मम                    ॐसर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः
       🔺ॐसच्चानामधेयाय श्रीगुरवे परमात्मने नमः🔺

                || धर्मार्थ वार्ता समाधान की नियमावली ||
                        (3rd edition, Oct.2015)

01.सर्व प्रथम संघ के सभी आदरणीय श्रेष्ठ विद्वत आचार्य गणों
      से वार्ता करते समय उनके पद एवं गरिमा का ध्यान रखें।
02.वरिष्ठ जन कनिष्ठ के प्रति सौहार्द्र-पूर्ण संबोधन करें।
03.पारस्परिक शिष्टाचार एवं सौम्यता के साथ प्रेम-पूर्ण
      सदाचार का परिचय दें।
04.संघ-सदस्यों के प्रति परिवार-धर्म का निर्वाह ही अपेक्षित है।
05.संघ में कोई भी सदस्य अप्रबुद्ध नहीं हैं, अतः अपने लिए
     हीनोक्ति तथा आत्म-श्लाघा न करें। अकिंचनत्व के प्रदर्शन में
     पुनरुक्ति तथा बेसिक विषयों पर जिज्ञासा भी अनुचित है।
     इससे संघ का प्रौढत्व आहत होता है। प्रारम्भिक ज्ञान के लिए
      पर्सनल में ही वार्त्ता करें।
06.संघ के नाम या प्रोफाइल फोटो से किसी प्रकार की छेड़-
      खानी न करें।
07.कोई प्रचार, मनोरंजन,चमत्कार या समाचार तथा शेयर
      करने के पोस्ट न भेजें।
08.संघ में मात्र स्वलिखितकेवल सनातन धार्मिक संग्रह ही
      भेजें। नेट-निर्मित वस्तु न भेजे। इसके लिए अपने पास
      आवश्यक ग्रंथ भी रखें।
09.किसी जानकारी के लिए ग्रुप में निवेदन करें, किंतु वह
      जानकारी अपने पर्सनल एकाउंट में ही मँगायें। इससे ग्रुप में
      स्थानाभाव तथा उलझन नहीं होगी।
10.अपनी विद्वत्ता से किसी को नीचा दिखाने का प्रयास न करें,
      बल्कि सौम्यता से अपने ज्ञान को प्रस्तुत करें।
11.किसी चर्चा या वार्त्ता समाधान  के समय कोई पोस्ट न भेजें।
     पहले प्रविष्टियों से वार्त्ता के विषय से अवगत हो लेवें या
     अनुमति ले कर ही पोस्ट करें।
12.चित्र या वीडियो पोस्ट पूर्णतः वर्जित है, इसका विशेष ध्यान
      रखें।
13.संघ में अतिथि तथा नये सदस्य के सामूहिक स्वागत/
     अभिवादन में सम्मिलित होकर इस परम्परा में सहयोग करें।
14.ग्रुप में विवाद-वार्त्ता या अपमान-जनक व्यंग्य न करें। किसी
     शिक़ायत के लिए एडमिन से पर्सनल एकाउंट में वार्त्ता करें।
15.संघ से बाहर होने के लिए सूचना अवश्य दे।
16.वार्त्ता के समय निम्नवत् शिष्ट सम्बोधन करें -
     (क) बड़ों से - अंत में  'कृताऽर्थोऽस्मि'
     (ख) समवयः से- "     'धन्यवाद'
     (ग) कनिष्ठ से-    "     'शुभमस्तु ते/साधु'
     (घ)समूह से-      "      'साधु'
17.बिना प्रोफाइल-नाम के पोस्ट अवैध होंगे।
18.संघीय नियमों में संशोधन हेतु सुझाव का स्वागत है।
19.संघ में किसी पोस्ट का (बिना अधिकृत अनुमति के) दोबारा
      सम्प्रेषण वर्जित है।
20.संघ के विकास हेतु  विशिष्ट ब्राह्मण विद्वज्जनोँ का प्रवेश
      सपरिचय ग्राह्य है।
21.संघ-वार्ता का समय :-
      प्रातः 5:30 am से रात्रि 11:00 PM
      आवश्यके 12:00 pm यावत्
22.धर्मार्थ वार्ता समाधान की प्रशासनिक अधिकारी-सूची :—

01--स्वतंत्र प्रभार--    श्रीमान् संतोष कुमार मिश्र 'शोख़'
                               (M.A., B.Ed., I.Gd.Art, Music
                               & Photo., व्याकरण, ज्योतिष, विज्ञान
02--न्यायाधीश--       श्रीमान् राजनाथ द्विवेदी (बाबा जी)
03--उप न्यायाधीश--  श्रीमान् जगदीश द्विवेदी                            (77महाकाल बाबा जी)
04--मार्गदर्शक--        श्रीमान् उपेन्द्र त्रिपाठी जी
05--सम्पर्कसंस्थापक--  श्रीमान् सत्यप्रकाश शुक्ल
06--अध्यक्ष--श्रीमान् भूपेंद्र शुक्ल जी 
07--मिडिया प्रभारी--
श्रीमान् नीरज द्विवेदी जी
08--संघ निरीक्षक--    श्रीमान् सत्यप्रकाश तिवारी जी                             कोपरखेरणे)
09--प्रचारक---           श्रीमान् रविन्द्र मिश्र  (व्यास जी)
10--संस्थापक---         मंगलेश्वर त्रिपाठी

10--संघ प्रेरक--        1.श्रीमान् आलोक त्रिपाठी जी
                              2.श्रीमान् कृपाशंकर पाण्डेय जी
                              3.श्रीमान् कुणाल पाण्डेय जी
                                 (महाराज जी)
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नोट: सभी सदस्य इसे पर्सनल में सेव कर लें और प्रतिदिन अवलोकन अवश्य करें। आवश्यके परिवर्त्तनीयमपि।।

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