एकोपिकृष्णष्य कृतप्रणामी
दसाश्वमेंधावमतीव तुल्यः ।
दसाश्वमेंधी पुनरेति जन्म
कृष्णप्रणामी न पुनार्भवाय ।।
🌷 शुभ संध्या 🌷
आदरणीय गुरुजनबृंद के चरणारर्विन्द में दंडवत एवं
लघु वय वटुकों को स्नेहिल शुभाशीष ।
संघ को सुपल्लवित सुकुसुमित करने के लिए
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