Thursday, October 29, 2015

एकोपिकृष्णष्य कृतप्रणामी
     दसाश्वमेंधावमतीव तुल्यः ।
दसाश्वमेंधी पुनरेति जन्म
     कृष्णप्रणामी न पुनार्भवाय ।।
     🌷 शुभ संध्या 🌷
आदरणीय गुरुजनबृंद के चरणारर्विन्द में दंडवत  एवं
लघु वय वटुकों  को स्नेहिल शुभाशीष ।
   संघ  को  सुपल्लवित सुकुसुमित  करने  के  लिए

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