विदुरनिति:~
एको धर्मः परं श्रेयः क्षमैका शान्तिरुतत्मा।
विद्यैका परमा तृप्तिरहिंसैका सुखावहा॥57॥
विद्यैका परमा तृप्तिरहिंसैका सुखावहा॥57॥
केवल धर्म ही परम कल्याणकारक है,
एक मात्र क्षमा ही शान्ति का सर्वश्रेष्ठ उपाय है।
एक विद्या ही परम सन्तोष देनेवाली है और
एक मात्र अहींसा ही सुख देनेवाली है।
एक मात्र क्षमा ही शान्ति का सर्वश्रेष्ठ उपाय है।
एक विद्या ही परम सन्तोष देनेवाली है और
एक मात्र अहींसा ही सुख देनेवाली है।
जय सीया राम।
अमरवाणी विजयताम्
महर्षि वैदिक ब्राह्मण संघ
धर्म कार्य हेतु समर्पित।
अमरवाणी विजयताम्
महर्षि वैदिक ब्राह्मण संघ
धर्म कार्य हेतु समर्पित।
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
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8828347830
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