Saturday, April 9, 2016

दान छपाकर नहीं,
        दान छूपाकर दो .

ढ़ोंग का जीवन नहीं,
         ढ़ंग का जीवन जीओ.

सत्य शांत होता है,
       असत्य शोर मचाता है.

अंतःकरण भगवान की,
         बनायी अदालत है.

बातों के बादशाह नहीं,
    आचरण के आचार्य बनों......

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