दान छपाकर नहीं, दान छूपाकर दो .
ढ़ोंग का जीवन नहीं, ढ़ंग का जीवन जीओ.
सत्य शांत होता है, असत्य शोर मचाता है.
अंतःकरण भगवान की, बनायी अदालत है.
बातों के बादशाह नहीं, आचरण के आचार्य बनों......
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