Saturday, April 9, 2016

श्रीशिव महापुराण (सृष्टिखण्ड १२:८२~८६) में सनत्कुमार जी कहते हैं कि गृहस्थ को देहधारी सद्गुरु से दीक्षा लेकर पंचायतन देवताओं का नित्य पूजन करना चाहिए। शिव सबके मूल हैं, अतः मूल-शिव के सिंचन से सभी देवता तृप्त हो जाते हैं। किंतु सभी देवताओं को तृप्त कर चुकने पर भी शिव की तृप्ति नहीं होती। यह रहस्य देहधारी सद्गुरु से दीक्षित व्यक्ति ही जानते हैं।

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