श्री पवन मंद सुगंध शीतल हेम मंदिर शोभितम् |
श्री निकट गंगा बहत निरमल बद्रीनाथ विश्म्भरम् ||
शेश सुमरन करत निशदिन धरत ध्यान महेश्वरम् |
वेद ब्रह्मा करत स्तुति बद्रीनाथ विश्म्भरम् ||
इंद्र चंद्र कुवेर दिनकर धूप दीप प्रकाशितम् |
सिध्द मुनि जन करत जै जै बद्रीनाथ विश्म्भरम् ||
यक्ष किन्नर करत कौतक ज्ञान गर्व प्रकाशितम् |
श्रीलक्ष्मी कमला चंवर डोले बद्रीनाथ विश्म्भरम् ||
शक्ति-गौरि-गणेश शारद नारद मुनि जन उच्चरम् |
श्री योगध्यान अपारलीला बद्रीनाथ विश्म्भरम् ||
श्रीकैलास में एक देव निरंजन शैल शिखर महेश्वरम् |
राजा युधिष्ठिर करत स्तुति बद्रीनाथ विश्म्भरम् ||
श्रीनाथ पंच रत्नं यः पठति पाप विनाशनम् |
कोटि तीर्थ भवेत् पुण्यं प्राप्यते फलदायकम् ||
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