मैया करत श्रृगांर सब गाओ रे सखी,गाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी ! २ मैया...
इनको बनारस की साड़ी पहनाओ रे सखी,पहनाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया...
इनके मस्तक में बिन्दिया लगाओ रे सखी,लगाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी!२ मैया...
इनको मैहर की चुनरी ओढ़ाओ रे सखी,ओढ़ाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया....
इनके मांग सीन्दूर लगाओ रे सखी,लगाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया....
इनके केशो मे गजरा लगाओ रे सखी,लगाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया....
इनके पैरो में पायल पहनाओ रे सखी,पहनाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया....
इनके हाथो में चूड़ी पहनाओ रे सखी,पहनाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया......
इनके आखों सुरमा लगाओ रे सखी,लगाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया.....
इनके चरणों में पुष्प चढ़ाओ रे सखी,चढ़ाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया......
इनके चरणों में शीश झुकाओ रे सखी,झुकाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया...
इनको भवन मे अपने बुलाओ रे सखी,बुलाओ रे सखी मिलि बुलाओ रे सखी !२ मैया.....
इनको बेला की सेज सजाओ रे सखी,सजाओ रे सखी मिलि सजाओ रे सखी !२ मैया .......
Sunday, April 10, 2016
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