यह सत्य है कि महाभारत को वेदव्यास ने लिखा, लेकिन वेदव्यास कोई नाम नहीं, बल्कि एक उपाधि थी, जो वेदों में पारंगत विद्वान को दी जाती थी। कृष्णद्वैपायन से पहले 27 वेदव्यास हो चुके थे, जबकि वे खुद 28वें वेदव्यास थे। उनका नाम कृष्ण-द्वैपायन इसलिए रखा गया, क्योंकि उनका रंग सांवला (कृष्ण) था और वे एक द्वीप पर जन्मे थे।
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