Saturday, December 5, 2015

|| नदियों के जल जब निर्मल होंगे ||


     
नदियों के जल जब निर्मल होंगे,
गंगा जल अमृत बन जाएगा।  
जन-जन में जब आस जागेगी,
गंदगी न कोई फैलाएगा।

मुर्दाघाट जब अलग बनेगा,
कोई लाश नहीं दफनाएगा।

स्नान हेतु लोग आया करेंगे,
कर के स्नान चले जाएंगे।

फिर दूषित न हो पाएगा,
सब जल में दीप जलाएंगे।

हर-हर गंगा लोग करेंगे,
फिर वह मौसम आएगा।



पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830  

No comments:

Post a Comment