095488 56956: विभीषण का जन्म कहाॅ हुआ इनके माता पिता कौन थे ?
पं उमेश नन्दा: भागवत के अनुसार, इसकी माता का नाम केशिनी अथवा मालिनी था [ भा . ४ . १ . ३७ ] ।
कैकसी व विश्रवस् ऋषि से उत्पन्न हुए रावण एवं कुंभकर्ण ये दोनों पुत्र दुष्टकर्मा राक्षस थे । किंतु इसी ऋषी के आशीर्वाद के कारण, कैकसी का तृतीय पुत्र विभीषण, विश्रवस् के समान ब्राह्मणवंशीय एवं धर्मात्मा उत्पन्न हुआ।
विभीषण के पिता दशरथ :--
विभीषण की माता का नाम कौशिल्या है जब रावण को इस बात की जानकारी हुई की कौशिल्या का पुत्र उसकी और उसके परिवार की मृत्यु का कारण बनेगा तब उसने अपने सैनिको से कहकर कौशिक प्रदेश के राजा कौशिक की पुत्री कौशिल्या का अपहरण करवा कर उन्हें लंका के समुद्र तट पर छुपाया था और उन्हें छोड़ने की कीमत उनका पहला पुत्र माँगा था जिसका ही नाम विभीषण था और यही कारण था की विभीषण ने बिना किसी विवाद के रावण को छोड़ कर राम का साथ देने चला गया था, ऐसी कथा श्री लंका में प्रचलित है—पर यह सत्य नहीं।
वह उनकी पुत्री शांता थी।
पं. जगदीश प्रसाद द्विवेदी(धर्मार्थ. ): जिस समय रावण को के पता चलता है की कौशल्या के पुत्र के द्वारा हमारी मृत्यु होगी। रावण स्वयं कौशल्या को विवाह मंडप से उठाकर सिंहल द्वीप जो लंका के समीप में है ले लिया और सिंहल द्वीप पर कौशल्या को रख कर के लंका वापिस गया। साथ में दशरथ जी एवं सुमंत जी को एक पिटारी में बंद करके समुद्र में बहा दिया। ताड़का दशरथ के रूप पर आकर्षित थी इसलिए दशरथ की सुरक्षा के लिए उस पेटी को बहा करके उन्हें सिंहल द्वीप पर लेकर गई और दसरथ से में विवाह करने के लिए कहा। मगर दशरथ जी ने मना कर दिया तो14 वर्ष की राज गद्दी ताड़का ने मांगा था। दशहरा जी ने वह स्वीकार कर लिया। ताड़का वहां से चली जाती है सिंहल द्वीप पर ही कौशल्या और दशरथ का मिलन होता है। वहीं पर गर्भ में विभीषण जी का आगमन होता है, लेकिन पूर्ण विवाह न होने की वजह से वहां पर विभीषण का त्याग करके सामाजिक परिवेश को देखते हुए सुमंत जी दशरथ कौशल्या का पाणिग्रहण संस्कार ब्राह्मण होने के नाते वहीं पूर्ण करवाते हैं और वापस अयोध्या आते हैं। चूँकि विश्रवा ऋषि की पत्नी मालिनी ऋषि कन्या होते हुए भी एक गगनचरी थी। वह आकाश मार्ग से उड़ रही थी, तभी उसने बच्चे को देखा। भूख से व्याकुल होने के कारण बालक को निगल गई। महर्षि विश्रवा ने ध्यान लगाकर देखा तो इस बालक को योग बल के द्वारा अपने दूसरी पत्नी मालिनी के गर्भ में स्थापित किया और इसप्रकार विभीषण जी का जन्म हुआ। विश्रवा ने अपनी पत्नी मालिनी को बताया है कि वह बालक राक्षस वंश का कुल दीपक होगा इस लिए इस बालक का जीवित रहना जरूरी है। आगे चलकर वह परमात्मा राम का भक्त होगा। भविष्य में 14 रामायण बने हुए हैं। कंब रामायण से लेकर तुलसीकृत रामायण और अध्यात्म रामायण में प्राचीन कथाएं दी गई हैं। शास्त्र परंपरा के अनुसार विभीषण मालिनी का पुत्र हुआ, यह कथा स्वामी करपात्री जी की कथा में सुनी है।
SKMishra.shoaqh: उमेश जी, 11:55am की पोस्ट में लिखे -- 'वह उनकी पुत्री शांता थी' का संबंध किस विषय से है, यह स्पष्ट करें। विभीषण के प्रकरण में यह कहाँ से आ घुसा, समझ में नहीं आया।
पं उमेश नंदा: वह कहानी राम की बड़ी बहन शांता की थी जो एक सामान्य कथा थी। अतः मैंने उस कहानी को इस कहानी का माध्यम बताया। जो कहानी श्रीलंका या दक्षिण भारत में प्रचलित है, वह यह कि विभीषण राम के भाई तथा दशरथ और कौशल्या के पुत्र थे। शांता की जन्म कथा भी वहीं से उद्गमित है।
पं. जगदीश प्रसाद द्विवेदी(धर्मार्थ. ): शांता से विभीषण भिन्न है। विभीषण विवाहेतर उत्पत्ति है और शांता का विवाहोपरान्त। इस लिए दोनों भिन्न है।
पं उमेश नन्दा: भागवत के अनुसार, इसकी माता का नाम केशिनी अथवा मालिनी था [ भा . ४ . १ . ३७ ] ।
कैकसी व विश्रवस् ऋषि से उत्पन्न हुए रावण एवं कुंभकर्ण ये दोनों पुत्र दुष्टकर्मा राक्षस थे । किंतु इसी ऋषी के आशीर्वाद के कारण, कैकसी का तृतीय पुत्र विभीषण, विश्रवस् के समान ब्राह्मणवंशीय एवं धर्मात्मा उत्पन्न हुआ।
विभीषण के पिता दशरथ :--
विभीषण की माता का नाम कौशिल्या है जब रावण को इस बात की जानकारी हुई की कौशिल्या का पुत्र उसकी और उसके परिवार की मृत्यु का कारण बनेगा तब उसने अपने सैनिको से कहकर कौशिक प्रदेश के राजा कौशिक की पुत्री कौशिल्या का अपहरण करवा कर उन्हें लंका के समुद्र तट पर छुपाया था और उन्हें छोड़ने की कीमत उनका पहला पुत्र माँगा था जिसका ही नाम विभीषण था और यही कारण था की विभीषण ने बिना किसी विवाद के रावण को छोड़ कर राम का साथ देने चला गया था, ऐसी कथा श्री लंका में प्रचलित है—पर यह सत्य नहीं।
वह उनकी पुत्री शांता थी।
पं. जगदीश प्रसाद द्विवेदी(धर्मार्थ. ): जिस समय रावण को के पता चलता है की कौशल्या के पुत्र के द्वारा हमारी मृत्यु होगी। रावण स्वयं कौशल्या को विवाह मंडप से उठाकर सिंहल द्वीप जो लंका के समीप में है ले लिया और सिंहल द्वीप पर कौशल्या को रख कर के लंका वापिस गया। साथ में दशरथ जी एवं सुमंत जी को एक पिटारी में बंद करके समुद्र में बहा दिया। ताड़का दशरथ के रूप पर आकर्षित थी इसलिए दशरथ की सुरक्षा के लिए उस पेटी को बहा करके उन्हें सिंहल द्वीप पर लेकर गई और दसरथ से में विवाह करने के लिए कहा। मगर दशरथ जी ने मना कर दिया तो14 वर्ष की राज गद्दी ताड़का ने मांगा था। दशहरा जी ने वह स्वीकार कर लिया। ताड़का वहां से चली जाती है सिंहल द्वीप पर ही कौशल्या और दशरथ का मिलन होता है। वहीं पर गर्भ में विभीषण जी का आगमन होता है, लेकिन पूर्ण विवाह न होने की वजह से वहां पर विभीषण का त्याग करके सामाजिक परिवेश को देखते हुए सुमंत जी दशरथ कौशल्या का पाणिग्रहण संस्कार ब्राह्मण होने के नाते वहीं पूर्ण करवाते हैं और वापस अयोध्या आते हैं। चूँकि विश्रवा ऋषि की पत्नी मालिनी ऋषि कन्या होते हुए भी एक गगनचरी थी। वह आकाश मार्ग से उड़ रही थी, तभी उसने बच्चे को देखा। भूख से व्याकुल होने के कारण बालक को निगल गई। महर्षि विश्रवा ने ध्यान लगाकर देखा तो इस बालक को योग बल के द्वारा अपने दूसरी पत्नी मालिनी के गर्भ में स्थापित किया और इसप्रकार विभीषण जी का जन्म हुआ। विश्रवा ने अपनी पत्नी मालिनी को बताया है कि वह बालक राक्षस वंश का कुल दीपक होगा इस लिए इस बालक का जीवित रहना जरूरी है। आगे चलकर वह परमात्मा राम का भक्त होगा। भविष्य में 14 रामायण बने हुए हैं। कंब रामायण से लेकर तुलसीकृत रामायण और अध्यात्म रामायण में प्राचीन कथाएं दी गई हैं। शास्त्र परंपरा के अनुसार विभीषण मालिनी का पुत्र हुआ, यह कथा स्वामी करपात्री जी की कथा में सुनी है।
SKMishra.shoaqh: उमेश जी, 11:55am की पोस्ट में लिखे -- 'वह उनकी पुत्री शांता थी' का संबंध किस विषय से है, यह स्पष्ट करें। विभीषण के प्रकरण में यह कहाँ से आ घुसा, समझ में नहीं आया।
पं उमेश नंदा: वह कहानी राम की बड़ी बहन शांता की थी जो एक सामान्य कथा थी। अतः मैंने उस कहानी को इस कहानी का माध्यम बताया। जो कहानी श्रीलंका या दक्षिण भारत में प्रचलित है, वह यह कि विभीषण राम के भाई तथा दशरथ और कौशल्या के पुत्र थे। शांता की जन्म कथा भी वहीं से उद्गमित है।
पं. जगदीश प्रसाद द्विवेदी(धर्मार्थ. ): शांता से विभीषण भिन्न है। विभीषण विवाहेतर उत्पत्ति है और शांता का विवाहोपरान्त। इस लिए दोनों भिन्न है।
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
very good beta manglu !
ReplyDeleteaajkal log ravan ke janm delhi ke pass noida mai hua tha , yeh bata kar bahot sari bhoomi par kabja karne ke liye vaha ravan ka mandir bana rahai hai , kripya ravan ke janm sthan par shodh karen!
ReplyDelete!! जय श्री कृष्णा !!
ReplyDeleteइस पोष्ट पर "विभीषण" का "श्रीराम" के भाई होने का उल्लेख आया है, वह भी दो-दो कहानियों के साथ।
पोष्ट पर प्रश्न कर्ता के रूप में (सत्य प्रकाश शुक्ला जी का) उक्त नम्बर अंकित हैं। जो प्रश्न पूछ रहे हैं कि : विभीषण का जन्म कहाॅ हुआ इनके माता पिता कौन थे ? तब इस प्रश्न का समाधान करने हेतु.. "पं.उमेश नंदा"जी के नाम के साथ यह लेख (कैकसी व विश्रवस् ऋषि से उत्पन्न हुए रावण एवं कुंभकर्ण ये दोनों पुत्र दुष्टकर्मा राक्षस थे । किंतु इसी ऋषी के आशीर्वाद के कारण, कैकसी का तृतीय पुत्र विभीषण, विश्रवस् के समान ब्राह्मणवंशीय एवं धर्मात्मा उत्पन्न हुआ।) यह लिखा हुआ है।
ठीक इसी के नीचे दूसरी कहानी वर्णित हैं.. (जिसमें रावण के द्वारा कौशल्या का हरण करना तद्पश्चात कौशल्या को छोड़ने की मांग पर उनके प्रथम पुत्र को मांगना जो विभीषण ही थे।)
फिर आंगे... "पं.जगदीश प्रसाद द्विवेदी"(धर्मार्थ) के नाम से लिखते हैं :- (जिस समय रावण को के पता चलता है की कौशल्या के पुत्र के द्वारा हमारी मृत्यु होगी। रावण स्वयं कौशल्या को विवाह मंडप से उठाकर सिंहल द्वीप जो लंका के समीप में है ले लिया और सिंहल द्वीप पर कौशल्या को रख कर के लंका वापिस गया। साथ में दशरथ जी एवं सुमंत जी को एक पिटारी में बंद करके समुद्र में बहा दिया। ताड़का दशरथ के रूप पर आकर्षित थी इसलिए दशरथ की सुरक्षा के लिए उस पेटी को बहा करके उन्हें सिंहल द्वीप पर लेकर गई और दसरथ से में विवाह करने के लिए कहा। मगर दशरथ जी ने मना कर दिया तो14 वर्ष की राज गद्दी ताड़का ने मांगा था। दशहरा जी ने वह स्वीकार कर लिया। ताड़का वहां से चली जाती है सिंहल द्वीप पर ही कौशल्या और दशरथ का मिलन होता है। वहीं पर गर्भ में विभीषण जी का आगमन होता है, लेकिन पूर्ण विवाह न होने की वजह से वहां पर विभीषण का त्याग करके सामाजिक परिवेश को देखते हुए सुमंत जी दशरथ कौशल्या का पाणिग्रहण संस्कार ब्राह्मण होने के नाते वहीं पूर्ण करवाते हैं और वापस अयोध्या आते हैं। चूँकि विश्रवा ऋषि की पत्नी मालिनी ऋषि कन्या होते हुए भी एक गगनचरी थी। वह आकाश मार्ग से उड़ रही थी, तभी उसने बच्चे को देखा। भूख से व्याकुल होने के कारण बालक को निगल गई। महर्षि विश्रवा ने ध्यान लगाकर देखा तो इस बालक को योग बल के द्वारा अपने दूसरी पत्नी मालिनी के गर्भ में स्थापित किया और इसप्रकार विभीषण जी का जन्म हुआ।)
आदरणीय मंगलेश्वर त्रिपाठी जी यह बेब आपकी है तथा पोष्ट भी आपकी है उक्त दो नामों के साथ दो कहानियों के माध्यम से बिभीषण को राम का भाई बतलाया गया है। अतः आपसे निवेदन है की यह उक्त कथा किस ग्रन्थ में वर्णित है.?! बतलाने का कष्ट करें।
कृपया किस ग्रन्थ मे वर्णित हैं कि विभीषण दशरथ का पुत्र हैं? बताने का कष्ट करें ।
DeletePandit G krapya ye butane ka kast Kare kis granth me likha hai
Deleteरावण को बदनाम ना करें
DeleteRavan vibhishn aur kumbhkaran ka janam to saryayug ke ant main hua Tha
DeleteVibhishan dashrath ke par Dada ke umar se bhi jyada umar ke the to vibhishan dashrath ka beta kaise hua
Aur ye sab konse pura main likha hai
Vibhishan is the brother of Shri Ram this is true. But Vibhishan is the son of Rishi Vishvas and Kakasi(कैकसी व विश्रवस् ऋषि). Through Yoga Vidya Rishi Vishvas came to know that the son of King Dashrath will kill his son Ravan and tharefore, Rishi Vishvas pulled all the Semen of the King Dashrath and stored the semen in his bed room. Rishi Vishwas told his wife Kakasi about the semen of the Dashrath. Due to curiosity Kakasi consumed this semen of Dashrath and conceived a child and give birth to Vibhishan. - Dr. Mamta, www.lifeinvedas.com
ReplyDeleteNot English only Sanskrit language ok Jai Shri ram
Deletekya ram ke bhibhisanh ke alaba aur bhi gupt bhai the jya
ReplyDeleteयह यह सब पढ़कर लगता है सबके पास या तो ज्ञान की कमी है , या कुछ ज्यादा ही ज्ञान है
ReplyDeleteयह यह सब पढ़कर लगता है सबके पास या तो ज्ञान की कमी है , या कुछ ज्यादा ही ज्ञान है
ReplyDeleteकथाओं का कोई प्रमाण नही हैं ग्रंथ का नाम स्लोक आदि दे कर प्रमाण प्रस्तुत करें तभी आपकी कथा सार्थक हैं.नही तो कपोल कल्पना मात्र कही जा सक्ती हैं
ReplyDeleteSty wcn kis ramayan v kon se shlok v kand me he prman di ji ye .
ReplyDeleteपंडित जी मुझे ये बताए की सीता जी लक्ष्मण की बहन कैसे लगती थी और इस पर एक वीडियो भी यू ट्यूब पर डला है जब बी राम की पत्नी थी तो लक्ष्मण की बहन कैसे हो सकती है मुझे उत्तर दे देना मेरा gmail है singhkushwahbrothers@gmail.com
ReplyDeleteKon kon pagal aa jate hai net par yaar
ReplyDeleteमाता कौसिल्या का जन्म कब हुआ
ReplyDeleteGuru g
ReplyDeletebhibhishan ram ke bhai kis granth me hai krapaya batane ki krapaya kare
kaise MURKH log dharma ki vykhya karate hai inhe kuch a bhi
ReplyDeletegyanu nahi hai ye dharma ka majak
udate hai .kripaya Hindu dharm ko
Bach ane ke liye flatulence bate na
Kare to accha hoga.
Vivishana ram jii ka bhai h ye aapko kaise pata chala
DeleteAll is incorrect which told above
ReplyDeleteपंडित बस इतना बताएं की क्या विभीषण रावण का सगा भाई नहीं था।
ReplyDeletePandit ji Santa dasarath ki beti kab or kesi hui puri kahani likhe
ReplyDeleteJai shree Ram ji
ReplyDeleteविभीषण को दशरथ का पुत्र किस पुराण कथा या किसी स्मृति में बताया गया? श्लोक संख्या / अध्याय के साथ बताएं,या आपने श्रोता के ध्यान,को भटकाने,और मात्र विद्वान बनने के लिए ऐसा लिखा।
ReplyDeleteHa ji Aapko Jawab mila to Hame bhi bataye Please
DeletePagalpanti
ReplyDeleteMurkho ko shastro ka Shiksha dena bhi murkhta hi h.
ReplyDeleteजय श्री सीताराम
ReplyDeleteरामायण.. बालकांड मे आप को जवाब मिल जायगा
जूठ है ये सब
ReplyDeleteस्वामी करपात्री ऐसा नही बताए है,इस प्रसंग का जिस पुस्तक मे उल्लेख है उस पुस्तक के बारे मे प्रमाण प्रस्तुत किये है।
ReplyDeleteस्वामी करपात्री इस प्रसंग के उस पुस्तक की बात को नही मानते हुए काल्पनिक कल्पना व मिथ्या बताए है,पर आप इनका हवाला देते है कि पाठक को विश्वास हो जाय।किसी पुस्तक को अच्छी तरह पढने के वाय गणना चाहिए। झूठे लिखकर किसी महान पुरुष को बदनाम न करे।
Deleteniice
ReplyDeleteVery nice ravan ke pita ka naam make happy!
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