प्रायश्चितं चिकित्सा ज्योतिषे धर्म निर्णयम्। विना शास्त्रेण ब्रुयात मुहुर्मु ब्रह्म घातकम।। अर्थ=प्रायश्चित चिकित्सा ज्योतिस धर्म का निर्णय जो विना शास्त्र के करता वह ब्रह्म घाती होने के पाप से युक्त हो जाता । इस लिये सभी ब्रह्म वेत्ताओं से अनुरोध है कि केवल शास्त्र से पढ़ा हुआ लेख या उनसे जो आपको अनुभव प्राप्त हुआ है वहीँ विषय बस्तु भेंजे वैशे में आप सभी विद्वनो के सामने अल्पज्ञ हूँ समर्पण बै0ब्रा0स0(भूदत्ताचार्य)
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
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