Wednesday, October 7, 2015

|| आज का चिन्तन ||


आज का चिन्तन
दीन दुखियों की सेवा करो और पड़ोसियों से प्रेम, ताकि आपको परमात्मा को ढूँढने कहीं दूर न जाना पड़े। यह अनमोल वचन हमें बहुत कुछ सन्देश दे जाते हैं बशर्ते हम समझने का प्रयास करें। हमारे जीवन की विचित्रिता तो देखिये ! हम तीर्थ स्नान के लिए कोसों दूर जाते हैं और पड़ोस का कोई दुखियारा केवल इस कारण मर गया कि उसे एक घूँट जल की न मिल सकी।
हम बड़े-बड़े भंडारे लगाने मीलों दूर जाते हैं और मुहल्लों के कई किशोर पढने- लिखने की उम्र में सिर्फ इसलिए अमानवीय व्यवहार सहकर भी रात- दिन मजदूरी करते हैं ताकि उनके परिवार को कम से कम एक वक्त तो भर पेट भोजन मिल सके।
काश ! अब भी इस समाज में कोई एकनाथ और नामदेव जैसे चैतन्य पुरुष प्रकट होते, जिन्हें पशु में ही पशुपति नाथ और कुत्ते में ही कुल देव के दर्शन हो गये।

पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830 

No comments:

Post a Comment