नवरात्र में माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दिवस के आधार पर निम्न नैवेद्य अर्पित करें।
रविवार-खीर।
सोमवार-दूध।
मंगलवार-केला।
बुधवार-मक्खन।
गुरुवार-गुड़।
शुक्रवार-शक्कर।
शनिवार-घी।
रविवार-खीर।
सोमवार-दूध।
मंगलवार-केला।
बुधवार-मक्खन।
गुरुवार-गुड़।
शुक्रवार-शक्कर।
शनिवार-घी।
तिथिवार
प्रतिपदा-घृत।
द्वितीया-शर्करा।
तृतीया-दुग्ध।
चतुर्थी-मालपुआ।
पंचमी-केला।
षष्ठी-मधु।
सप्तमी-गुड़।
अष्टमी-नारियल।
नवमी-लावा।
दशमी-कला तिल।
एकादशी-दही।
द्वादशी-चिउड़ा।
त्रयोदशी-चना।
चतुर्दशी-सत्तू।
पूर्णिमा-खीर।
प्रतिपदा-घृत।
द्वितीया-शर्करा।
तृतीया-दुग्ध।
चतुर्थी-मालपुआ।
पंचमी-केला।
षष्ठी-मधु।
सप्तमी-गुड़।
अष्टमी-नारियल।
नवमी-लावा।
दशमी-कला तिल।
एकादशी-दही।
द्वादशी-चिउड़ा।
त्रयोदशी-चना।
चतुर्दशी-सत्तू।
पूर्णिमा-खीर।
अश्विनी आदि सत्ताईस नक्षत्रों में।
घी, तिल, चीनी, दही, दूध, मलाई,
लस्सी, लड्डू, फेणिका, मिश्री,
कंसार, पापड़, खजूर रस, घी व चने का चूर्ण, मधु, सुरन, गुड़, चिउड़ा, दाख, खजूर, चारक, मालपुआ, मक्खन, मुंग का लड्डू, बिजौरा नीबू। उपासक को चाहिए कि इन वस्तुओं का नैवेद्य लगाकर ब्राह्मण को डान करें। मनोकामना पूर्ण होगी।
☀️ म. वै. ब्रा. संघ ☀️
घी, तिल, चीनी, दही, दूध, मलाई,
लस्सी, लड्डू, फेणिका, मिश्री,
कंसार, पापड़, खजूर रस, घी व चने का चूर्ण, मधु, सुरन, गुड़, चिउड़ा, दाख, खजूर, चारक, मालपुआ, मक्खन, मुंग का लड्डू, बिजौरा नीबू। उपासक को चाहिए कि इन वस्तुओं का नैवेद्य लगाकर ब्राह्मण को डान करें। मनोकामना पूर्ण होगी।
☀️ म. वै. ब्रा. संघ ☀️
पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
से.1वाशी नवी मुम्बई
8828347830
No comments:
Post a Comment