
तेरी बांकी नजर का असर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया |
प्रेम मंदिर पुजारन का घर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
सुध नहीं अब कोई , ना कोई साज है
गीत भी अब तू ही तू ही आवाज है
तू ही श्रृंगार तू ही संवर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
गीत भी अब तू ही तू ही आवाज है
तू ही श्रृंगार तू ही संवर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
प्रेम धुन बांसुरी जब बजाये कहीं,
रास के भाव मन में जगाए कहीं
नृत्य ही नृत्य शाम-ओ -शहर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
रास के भाव मन में जगाए कहीं
नृत्य ही नृत्य शाम-ओ -शहर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
मन में तेरी रटन बस तू ही है भजन,
कर्म भी अब तू ही धर्म तेरे वचन
दुनिया दारी से मै बेखबर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
कर्म भी अब तू ही धर्म तेरे वचन
दुनिया दारी से मै बेखबर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
प्रेम स्वीकार कर भव से अब पार कर,
मन में एक तू बसा मुझसे ही प्यार कर
मोह संसार का बेअसर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
मन में एक तू बसा मुझसे ही प्यार कर
मोह संसार का बेअसर हो गया |
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ||
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