पुरुषार्थ एवं भाग्य
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भाग्यवादी अर्थात वे लोग जो यह सोचते हैं कि इस जिन्दगी में जो भी प्राप्त होना होगा हो ही जायेगा । पुरुषार्थवादी अर्थात वे लोग जो यह सोचते हैं और मानते भी हैं कि जीवन में ऊंचा स्थान भाग्य से नहीं अपितु परिश्रम से प्राप्त होता है ।
भाग्य आपको ऊंचा कुल में या किसी समृद्ध परिवार में जन्म अवश्य दिला सकता है लेकिन जीवन में समृद्धि, उन्नति, सम्मान यह सब केवल परिश्रम से ही सम्भव है।
भाग्य से आपको नाव मिल सकती है किन्तु बिना पुरुषार्थ किये आप नदी पार नहीं कर सकते । भाग्य एक अवसर है और पुरुषार्थ उसका सदुपयोग । बिना कर्म किये तो भाग्य में लिखा हुआ भी वापस चला जाता है । परिश्रम ही सफलता की मांग है ।
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मंजिल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही ।
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं ।।
शुभ संध्या आप सब का जीवन मंगलमय हो
अस्तु शुभम्😊👍🏽
Sunday, February 28, 2016
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