अनुरागी जी--
हिमांचल सुता विवाह प्रसंग में " बराता "
जानकी राघव विवाह में " बाराती " शब्द प्रयुक्त है
प्रभू जी प्रकाश डालें
अनुरागी जी महाराज सादर नमन ।प्रभु जी उपरोक्त प्रश्न में कोई आध्यात्म नही है श्री राम के विवाह में भी वराता शब्द आया है
बनई वरनत वनी वराता।होहि सगुन सुंदर सुभ दाता।।
चारा चासु वाम दिसि लेई ।मनहुँ सकल मंगल कहि देई।।
यह एक व्याकरणिक नियम है जिसे अन्विति कहा जाता है।जव एक वर्ग शव्द समूह की व्याकरणिक कोटियां दूसरे समूह की व्याकरणिक कोटियों को प्रभावित करती है तो संज्ञा क्रिया या विशेषण में अन्विति होती है।
जब बरात वर पक्ष की तरफ से चल रही तो छंद रचना के लिये कवि वराता का प्रयोग करेगे वैसे जब वही वरात कन्या पक्ष के लिये वर्णित होगी तो वाराती हो जायेगी जैसे
जह जह आवत वसे वराती।।🙏🙏🙏💐💐
Thursday, February 11, 2016
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