शमो मन्निष्ठिता बुद्धेर्दम इन्द्रियसंयमः।
तितिक्षा दुःखसंमर्षो ज्ह्वोपस्थजयो धृतिः।।उद्धव के प्रस्न का उत्तर देते हुये भगवान कहते हैं कि हे उद्धव बुद्धि का मुझमे लग जाना हि शम है इन्द्रियों के संयम का नाम हि दम है न्याय से प्राप्त दुख के सहने का नाम तितिक्षा है जीह्वा और जननेन्द्रिय पर विजय प्राप्त करना धैर्य है । पिबत् भागवतम रसमालयम् श्रद्धेय आलोकजी शास्त्री इन्दौर 9425069983
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