Friday, March 3, 2017

धर्मार्थ वार्ता

[3/4, 07:18] राम भवनमणि त्रिपाठी: रामभवन मणि त्रिपाठी
गोरखपुर

मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना कुण्डे कुण्डे नवं पयः।
जातौ जातौ नवाचारा नवा वाणी मुखे मुखे॥७८॥

भिन्न-भिन्न मस्तिष्क में भिन्न-भिन्न मति (विचार) होती है, भिन्न-भिन्न सरोवर में भिन्न-भिन्न प्रकार का पानी होता है, भिन्न-भिन्न जाति के लोगों के भिन्न-भिन्न जीवनशैलियाँ (परम्परा, रीति-रिवाज) होती हैं और भिन्न-भिन्न मुखों से भिन्न-भिन्न वाणी निकलती है।
[3/4, 08:16] ‪+91 99267 22827‬: श्रीमद्भागवते श्रीशुकजन्मविषय: न यवज  स्पषटरूपेणेरित:, किन्तु श्रीमद्देवीभागवते यस्तु श्रीमद्भागवतस्याभिन्नमस्त तत्र वर्णितमस्ति... यत्-
.
मंथनं कुर्वतस्तस्य मुनेरग्निचिकीर्षया !
अरण्यामेव सहसा तस्य शुक्रमथापतत् !!.
सोsविचिन्त्य तथा पातं ममनथारणिमेव च !
तस्माच्छुक: समुद्भूतो व्यसाकृति मनोहर: !!
(तस्य= व्यास देवस्य)
                            जय राधे
[3/4, 08:43] ‪+91 70375 76900‬: ✍�✍� *श्लोक:* 👇🏼👇🏼

फणीनां फूत्कारज्वलितदहनातप्तशयने
सुखं शेते या सा जडपतिसुता चन्द्रवदना।
गजं नीत्वा क्रोडे मृगपतिविलासे रसवती
मदीयं दौर्भाग्यं हरतु हरलीला सहचरी।।

✍�✍� *अर्थ:* 👇🏼👇🏼

     सर्पों के फूत्कार से उत्पन्न आग के ताप से तप्त शयन पर जो सुखपूर्वक सोती है। जो जडपति की पुत्री है। हाथी को गोद में लेकर सिंह के विलास में आनन्द पाती है। वह हर के विलास की सहचरी मेरे दौर्भाग्य का हरण करे।।

*संकलित*।
[3/4, 08:49] पं अर्चना जी: ✍🏻
                  *क्रोध के समय*
                 *थोडा रुक जायें*
                        *और*
                 *गलती के समय*
                *थोडा झुक जायें*

  *दुनिया की सब समस्याऐं हल हो जायेगी.....*
[3/4, 08:49] पं अर्चना जी: 🌹😊🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊🌹
🌿 🌺👉सुंदर सुबह का 👈🏽🌺🌿
                     मीठा  मीठा
    🌿🌺👉🏼नमस्कार..👈🏽🌺🌿

              ना घुमने के लिये कार चाहिए ,
              ना गले के लिए हार चाहिए ,

           " भगवद् गीता मे श्री कृष्णा ने बहुत बड़ी बात कही है " !!!

             जीवन के उद्धार के लिए केवल मित्र , प्रेम और परिवार चाहिए..... 😊                          🌿🌺Good morning 🌺🌿
    🙏🏼😊 शुभ सुप्रभात 😊🙏🏼
[3/4, 08:59] ‪+91 99267 22827‬: धन्योsस्मि भवत: प्रीतिभाजनोsस्मि यत्..
[3/4, 09:17] ‪+91 81093 29976‬: जय श्रीकृष्ण ।हरिःॐतत्सत्।
श्री गुरुचरणकमलेभ्यो नमो नमः
🌺🙏सर्वेभ्यो नमो नमः🙏🌺

“ मंत्रे तीर्थे द्विजे जैवे दैवज्ञे भेषजे गुरौ ।
यादृशी भावना यस्य सिद्धिर्भवति तादृशी ॥"

अर्थात्  तीर्थ,ब्राह्मण,देवता,ज्योतिषी,दवा  तथा
गुरू में जिस प्रकार की जिसकी भावना होती है,
उसे उसके  अनुसार ही  सिद्धि अथवा फल  की
प्राप्ति होती है।
[3/4, 09:19] ‪+91 98670 61250‬: एक: पापानि कुरुते फलं भुङ्क्ते महाजन: ।
भोक्तारो विप्रमुच्यन्ते कर्ता दोषेण लिप्यते।।

अर्थ:
मनुष्य अकेला पाप करता है और बहुत से लोग उसका आनंद उठाते हैं। आनंद उठाने वाले तो बच जाते हैं ; पर पाप करने वाला दोष का भागी होता है।
    🌺 सुप्रभात🌺आप सभी का आज का दिन मंगलमय हों🙏🙏🙏
[3/4, 09:31] पं अनिल ब: *मुझे तो तेरी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया प्यारे*

*मेरे बाँकें बिहारी जी*

*वरना मैं सुर्खियों में रहू मेरी इतनी औकात कहाँ*

*जय जय श्री राधे* 🙏😊
[3/4, 09:44] P bablu Ji: *👌: एक खूबसूरत सोच :👌*

*वृक्ष के नीचे पानी डालने से सबसे ऊंचे पत्ते पर भी पानी पहुँच जाता है ,*
*उसी प्रकार प्रेम पूर्वक किये गए कर्म परमात्मा तक पहुंच जाते हैं*।
*सेवा सभी की करिये मगर,आशा किसी से भी ना रखिये*
*क्योंकि सेवा का सही मूल्य भगवान् ही दे सकते हैं इंसान नहीl*.✍”॥*
                                🚩
                 ▁▂▄▅▆▇██▇▆▅▄▂▁
                    🍃 *सुप्रभातम*🍃
           *🍁आपका दिन मंगलमय हो
[3/4, 10:20] ‪+91 88999 21561‬: " चंदन " से  " वंदन "
ज्यादा शीतल होता है,

" योगी "होने के बजाय
" उपयोगी " होना ज्यादा अच्छा है।

"प्रभाव " अच्छा होने के बजाय
"स्वभाव "अच्छा होना ज्यादा जरूरी है।
हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है। मगर....
हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है।
[3/4, 10:28] ओमीश Omish Ji: 🙏श्री मात्रे नमः🙏
🌺सदुक्ति संचयः🌺
सत्येन लभ्यस्तपसा ह्येष आत्मा....
                               मुण्डकोपनिषद्
यह परमात्मा सत्य तथा तप से प्राप्त होने वाला है...

🌸प्रवक्ता, धर्मार्थ वार्ता समाधान संघ🌸
              आचार्य ओमीश ✍
[3/4, 10:50] ‪+91 89616 84846‬: 🌰🌹🌰 🙏🏻  🌰🌹🌰

  🔔 *आज  का  विचार* 🔔

🌰 *ईश्वर टूटी हुई चीजों का*
       *ईस्तेमाल कितनी खूबसूरती*
       *से करता है जैसे.........*
🌰 *बादल टूटने पर पानी की*
       *फुहार आती है,*
🌰 *मिट्टी टूटने पर खेत का*
       *रूप ले लेती है और*
🌰 *बीज टूटने पर एक नये पौधे*
       *की संरचना होती है*
🌰 *इसलिये जब आप खुद को*
       *टूटा हुआ महसूस करो तो*
       *समझ लीजिये.......*
🌰 *ईश्वर आपका इस्तेमाल*
       *किसी बड़ी उपयोगिता के*
       *लिये करना चाहता है..!!*
     
       🙏 *शुभ:  प्रभात्* 🙏
🌹 *आज  का  दिन*
       *आपका  शुभ  हो………*

🌰🌹🌰  🙏🏻  🌰🌹🌰
[3/4, 10:56] राम भवनमणि त्रिपाठी: 4252

धैर्य, क्षमा, आत्म-नियंत्रण, चोरी न करना, पवित्रता, इन्द्रिय-संयम, बुद्धि, विद्या, सत्य और अक्रोध---ये धर्म के दस लक्षण हैं।*
जिनको धारण करने वाला मनुष्य धर्मांगी कहलाता है, अन्यथा पाखंडी तो है ही, जिनका आज बाहुल्य है l 
*धॄति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह:।*
*धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्।।*
सकल सुमंगल दायक प्रभु नाम गुणगान,
करहु कृपा रघुवीर संग पवन पुत्र हनुमान,
शुभ मंगल कामना के साथ सभी मित्रों को राम
   जय महाकाल
[3/4, 11:48] P Alok Ji: शिवपद कमल जिन्हहि रति नाही।रामहि ते सपनेहु नसोहाही । बिनुछल विश्वनाथ पद नेहू।राम भगत कर लक्षण एहून।। शिव के चरणों मे जिनकी प्रीत नही है वे श्रीराम को सपने मे भी अच्छे नही लगते विश्वनाथ श्री शिव के के चरणों मे निष्कपट प्रेम होना हि राम भक्त का लक्षण है । पिबत् रामचरित मानस रसम् श्रद्धेय आलोकजी शास्त्री इन्दौर

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