हनुमत ध्यानम्-:
हे हनुमान महा बलवान सुजान सुनो विनती एक मोरी।
श्री रघुनाथन के प्रिय भक्त कृपा करी देखहु तुमम ओरी।।
रामचरित्र कहहु निज भाषन कीजै सहाय दयानिज मोरी।
दास निराश पुकार करै करुणानिधि आवहु तु बरजोरी।।
गणेश ध्यान-:
शरीरे सिंदूरं विलसति मुखेचैक दसनम्।
ललाटे त्रिपुन्डमं तिलक ममलम नेत्र त्रितयम्।।
गले माला शुभ ह्युदर मधिकम् विस्तृत तरम्।
नमामि त्वां गौरिं सुभग तनयं विध्न समनम् ।।
वरूण-:
घटे धान्या धारे कलश मुलिसा धात्त ह्युतै:।
तु पूर्वे श्री गंगे विमल यमुना नीर निकरै:।।
चतुर्वदै नित्यं सविध सरुमा देव दनुजै:।
स्थिते श्री निरशं वरुण मधुमा यामि शरणं।।
आशिर्वाद-:
आनंद काले बहु राज लक्ष्मी:।
शिव प्रसादात्त धन धान्य वृद्धि:।।
वाधा हता शत्रु विनाश नेनम् ।
ददाति दानं विपुलम् धनायु:।।
Monday, December 5, 2016
विशेष मंत्र
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Sir dadaati daanam bipulam dhanayu ka meaning kya hai sir thoda bataiye samjha nahin main
ReplyDeleteघटे धान्या धारे कलश मुलिसा धात्त ह्युतै:। ये मन्त्र किस पुस्तक से है
ReplyDeleteआनंद काले बहु राज लक्ष्मी:।
ReplyDeleteशिव प्रसादात्त धन धान्य वृद्धि:।।
वाधा हता शत्रु विनाश नेनम् ।
ददाति दानं विपुलम् धनायु:।। इसका अर्थ भी कीजिए