न प्रहॄष्यति सन्माने नापमाने च कुप्यति। न क्रुद्ध: परूषं ब्रूयात् स वै साधूत्तम: स्मॄत:॥
जो सम्मान करने पर हर्षित न हों और अपमान करने पर क्रोध न करें, क्रोधित होने पर कठोर वचन न बोलें, उनको ही सज्जनों में श्रेष्ठ कहा गया है॥
सुप्रभात🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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