Tuesday, March 1, 2016

बाकि एक बात -
प्रथम ही उर्वसी के वशिष्ठ जन्म लीन ।
कोल बाल्मीक की खुली बात है
दासी के नारद जी केवट से ब्यास अंडा से विरण्डा शुक देव जी देखात है ।
गगरी से कुम्भज ऋषि हिरणी से सृंगी ऋषि।
एक आँख से पैलग  सुक्रा चार्य जी ।
सकल ही समाज तो दुसाध ही देखात है ।
किस जाति की उच्चता नीचता पर जायेगे अब बताये

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