Monday, September 19, 2016

यजमान आशिर्वाद मंत्र

देह मे वास करें कमला अरु कंठ विराजे सरस्वती वाणी,पूरण काज गणेश करे अरू विघ्न हरतु है रूद्राणी |
चिरंजीवी रहो तू सदा जसु चन्द्रकला सुषमासरसानी,देश विदेश मे किर्ती बढ़े यह है शुभ आशिष ब्राह्मण वाणी |

No comments:

Post a Comment