Monday, July 18, 2016

गु+रु=गुरु

गु+रु=गुरु यानि अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले सहायक को गुरु कहा जाता है।
गुरु बिन भव निधि तर ई न कोई।जो बिरंचि शंकर सम होई।।
अर्थात संसार रूपी सागर से कोई अपने आप तर नही सकता।चाहे ब्रह्मा जी जैसे सृष्टी कर्ता हों अथवा शिवजी जेसे संहार कर्ता फिर भी अपने मन की चाल से,अपनी मान्यताओं के जंगल से निकलने के लिए पगडंडी दिखाने वाले सद्गुरु अवस्य चाहिए।

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