आरती राग में गाने का कारण
हमारी प्राचीन परंपरा के अनुसार भगवान को प्रसन्न करने के लिए आरती की जाती है और ये आरती राग में गाई जाती हैं। आरती राग में ही क्यों गाई जाती हैं? इसके पीछे धार्मिक कारण तो है साथ ही इसका वैज्ञानिक कारण भी है। आरती राग में करने के पीछे धार्मिक कारण यही है कि संगीतमय आरती भगवान को भी प्रसन्न कर देती है। सहीसंगीत हर स्थिति में मन को सुकून देने वाला ही होता है। हमारे धर्म ग्रंथों में कई प्रसंग ऐसे आते हैं जहाँ भगवान की प्रार्थना में विभिन्न वाद्ययंत्रों के साथ-साथ उनकी स्तुति को सही सुर में गाया जाता है। ऐसे स्तुति गान से देवी-देवता तुरंत ही प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है। प्रतिदिन प्रात: काल सही सुर-ताल के साथ आरती करना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। सही सुर में गायन करने से हमारे शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित होता है। हमें ऊर्जा मिलती है, रक्त संचार बढ़ जाता है। आरती गान को योगा की तरह ही देखा जा सकता है। इससे हमारी आवाज़ साफ़ और सुरीली हो जाती है। नियमित आरती करने वाले लोगों की आवाज़ में अलग ही आकर्षण पैदा हो जाता है। साथ ही गले से संबंधित कई रोग हमेशा दूर ही रहते हैं। इनके अलावा भी कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं।
Sunday, August 28, 2016
आरती राग में गाने का कारण
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