Monday, October 3, 2016

१/१०/२०१६ की वार्ता

[01/10 3:13 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: 🙏🌹जय माता दी🌹🙏
आप सभी विप्रदेवों को शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर *बालक* की तरफ से ढेरसारी शुभ कामनायें |
माता रानी, आप सबको एवं आप सब के परिजनों पर सदैव *मां*अपने ममतारूपी आंचल की छाया देती रहे |
||जय माता दी||
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
मातृ शक्ति सम नहि कोई, ना दूजा है संत |
माता के नौ रूप हैं, अनुपम, अजय अनंत ||
शैलसुता की साधना, पूरित सब संकल्प |
दृढ़ता भरे विचार हों, करतीं कायाकल्प ||
ओजपूर्ण ब्रह्मचारिणी, तन मन करें निखार |
तेजस्वी सम ओज हो, देखे जग संसार ||
सारी भव बाधा हरें, हम हों निर्भय वीर |
सौम्य विनम्र सदा रहें, चंद्रम्-घंटा तीर ||
आदि स्वरूपा शक्ति हैं, कुष्मांडा विख्यात |
कमल पुष्प अमृत कलश, सब निधि देतीं तात ||
स्कन्द-मातु कात्यायिनी, महिमा अपरम्पार|
कालरात्रि सम ना कोई, माँ गौरी दें प्यार ||
नौवीं माँ सिद्दी दात्री, हर लेतीं सब क्लेश |
रिद्धि सिद्धि मिलती कृपा, रहें प्रसन्न गणेश ||
आत्मशक्ति बढ़ती रहे, माँ का मिले दुलार |
मातृ भक्ति ही चाहिए , नवरात्री उपहार ||
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
[01/10 4:37 pm] कृष्णा जी: खड्ग्म् चक्र गदेसूचापपरीघम् छुलम् भुसुन्डिम् सिरा: शंखम् सँदध्तिम् करयस्य्री नयनम् सर्वांग भुसब्रीतम् नील्स्मदुतीमस्य्पाद दसकाम सेवे महाकलिकम् यमस्तौ स्वपीते हरौ कमल्जौ हंतुम् मधूकैटभम्
🚩🙏🚩सभी को पावन नवरात्रि की शुभकामना

🚩🙏🚩प .कृष्णा मिश्र
माँ शारदे धाम मैहर 🚩
[01/10 5:22 pm] व्यासup: सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते.
╔══════════════════╗
║ •||जय माता दी||• ║
╚══════════════════╝
सुख, शान्ति एवम समृध्दि की
मंगलमयी
कामनाओं के साथ
आप एवं आप के परिवार जनो
को 10 दिवसीय शारदीय नवरात्री की हार्दिक मंगल कामनायें ।
माँ अम्बे आपको सुख समृद्धि वैभव व् ख्याति प्रदान करे।
जय माँ भवानी।।

•||नवरात्री||•
की
" हार्दिक " शुभकामनाएं !!!
                               💐💐रविन्द्र मिश्रा💐💐
[01/10 5:44 pm] प संजय: 🍁"रिद्धि दे, सिद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे,
चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे,
दुःख को दूर कर, सुख भरपूर कर, आशा को संपूर्ण कर,
सज्जन जो हित दे, कुटुंब में प्रीत दे,
जग में जीत दे, माया दे, साया दे, और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे, सुख समृद्धि और ज्ञान दे,
शान्ति दे, शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें..."
🍁👏🏼जय माता दी👏🏼🍁
आप और आपके परिवार को  नवरात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं!!
[01/10 10:26 pm] P anil. mumba: 📿 *एक व्यक्ति* को रास्ते में यमराज मिल गये वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं सका।

📿 *यमराज* ने पीने के लिए पानी मांगा उस व्यक्ति ने उन्हें पानी पिलाया।

📿 *पानी पीने* के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आये हैं लेकिन चूँकि तुमने मेरी प्यास बुझाई है इसलिए मैं तुम्हें अपनी किस्मत बदलने का एक मौका देता हूँ।

📿 *यह कहकर* यमराज ने उसे एक डायरी देकर कहा तुम्हारे पास 5 मिनट का समय है इसमें तुम जो भी लिखोगे वही होगा लेकिन ध्यान रहे केवल 5 मिनट।

📿 *उस व्यक्ति* ने डायरी खोलकर देखा तो पहले पेज पर लिखा था कि उसके पड़ोसी की लाॅटरी निकलने वाली है और वह करोड़पति बनने वाला है। उसने वहाँ लिख दिया कि पड़ोसी की लाॅटरी ना निकले।

📿 *अगले पेज* पर लिखा था उसका एक दोस्त चुनाव जीतकर मंत्री बनने वाला है उसने लिख दिया कि वह चुनाव हार जाये।

📿 *इसी तरह* वह पेज पलटता रहा और अंत में उसे अपना पेज दिखाई दिया। जैसे ही उसने कुछ लिखने के लिए अपना पैन उठाया यमराज ने उसके हाथों से डायरी ले ली और कहा वत्स तुम्हारा 5 मिनट का समय पूरा हुआ अब कुछ नहीं हो सकता।

📿 *तुमने अपना* पूरा समय दूसरों का बुरा करने में निकाल दिया और अपना जीवन खतरे में डाल दिया अतः तुम्हारा अन्त निश्चित है।

📿 *यह सुनकर* वह व्यक्ति बहुत पछताया लेकिन सुनहरा समय निकल चुका था।

📿 *यदि ईश्वर* ने आपको कोई शक्ति प्रदान की है तो कभी किसी का बुरा न सोचो न करो।

📿 *दूसरों का* भला करने वाला सदा सुखी रहता है और ईश्वर की कृपा सदा उस पर बनी रहती है।

📿 *प्रण लें* आज से हम किसी का बुरा नहीं करेंगे।

        🙏🏻 *"विचार कर के देखें"* 🙏🏻
[01/10 11:29 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: आज एक प्रश्न एक यजमान द्वारा पूछा गया कि नवरात्रि १०दिन की है तो पाठ भी १० होने चाहिये हमने तो कहा कि ९ही करने चाहिये क्या १० पाठ करने का कोई विधान है क्या कृपया आप सभी विप्रदेव मेरे संसय को दूर करने की महती कृपा करें🌹🙏🌹
[01/10 11:32 pm] P anil. mumba: अगर 10 पाठ नहीं करते हो तो 9 ही करो लेकिन 1 पाठ से आहूति तो करनी होगी इस लिए
[01/10 11:36 pm] P ti. satyprkash: नव चंडी का संकल्प हुआ हो तो नौ पाठ ही होंगें।चाहे नवरात्रि दस दिन की हो या सात दिन की। हवन का विधान दशांश है मेरे विचार से वही किया जाना चाहिए।
[01/10 11:38 pm] P anil. mumba: अगर 10 पाठ करते हो तो फिर पाठ से आहुति जरुरी नहीं है जहाँ तक मै जनता हूं
[01/10 11:39 pm] P ti. satyprkash: अधिकस्य अधिकम फलम प्रचलित मान्यता है अधिक में कोई दोष नही है।
[01/10 11:40 pm] P ti. satyprkash: संकल्प क्या है आपका और यजमान का
[01/10 11:40 pm] P anil. mumba: ये बात नहीं है भईया जी मार्गदर्शन कीजिये🙏🏻🌺🙏🏻
[01/10 11:41 pm] P ti. satyprkash: चंडी पाठ, नव चंडी ,सत चंडी सहस्त्र चंडी लक्ष चंडी या फिर अनवरत चंडी।
[01/10 11:42 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: संकल्प तो प्रतिवर्ष की भांति चंडी पाठ का ही है
[01/10 11:44 pm] P ti. satyprkash: इसमें से जो संकल्प हो वही कीजिये । उससे पूछिये जव सात या आठ दिन का होता है तो क्या सात या आठ पाठ करवाता है।

तिथि व्याप्ता है देवी नही बढ़ी हैं।
[01/10 11:45 pm] P ti. satyprkash: तो फिर जितना कर सकते हैं कीजिये उसमे 1 या 2 या फिर 9 की गणना क्यों।
[01/10 11:45 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: जी भैया सत्य जी ये बात ठीक कह रहे हैं लेकिन जब वह माने तब तो उसका कहना है कि जब नवरात्रि १० दिन की है तो आप पाठ भी १० करिये
[01/10 11:45 pm] P anil. mumba: इसमें से चाहें जो भी हो इसका नवचंडी हो चाहे शतचंडी हो अथवा लक्षचंडी हो जो भी संकल्प होगा पाठ का दशांश हवन हवन का दशांश तर्पण मार्जन ब्राह्मण भोजन इन सब का विधान है नवदुर्गा में 9 पाठ करेंगे तो उसका दशांश एक पाठ से आहुति करें या एक पाठ  करें अलग से करें यही विधानसभ भी लागू होता है बाकी आप सब विद्वानों की अनुमति जो राय होगी वह मान्य होगा
[01/10 11:47 pm] P ti. satyprkash: कर दीजिये मंगला जी एक आपका हो जायेगा।
[01/10 11:49 pm] P anil. mumba: बिधान के विपरीत नहीं करना चाहिये चाहे यजमान माने या न् माने वहीँ करना चाहिए जो बिधान है
[01/10 11:49 pm] प बलभद्र: मेरे विचार से उसको समझाएं की आज और कल शैलपुत्री की ही अर्चना होगी। पाठ 9 ही होगा।
[01/10 11:59 pm] P Omish Ji: भैय्या जी मै दैनिक सप्तशती करता हूँ हमेशा तो क्या मुझे भी दशांश हवन करना चाहिए 🙏�🙏
[01/10 11:59 pm] P anil. mumba: हां यह बात माननीय मंगला जी को यजमान को समझाने की आवश्यकता है यह उचित राय है आपका धन्यवाद🙏🏻🌺🙏🏻
[02/10 12:42 am] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: नवरात्रि : नौ दिन के नौ प्रसाद

प्रथम नवरात्रि के दिन माँ के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। तथा शरीर निरोगी रहता है। 

दूसरे नवरात्रि के दिन माँ को शक्कर का भोग लगाएँ व घर में सभी सदस्यों को दें। इससे आयु वृद्धि होती है। 

तृतीय नवरात्रि के दिन दूध या दूध से बनी मिठाई खीर का भोग माँ को लगाकर ब्राह्मण को दान करें। इससे दुखों की मुक्ति होकर परम आनंद की प्राप्ति होती है। 

माँ दुर्गा को चौथी नवरात्रि के दिन मालपुए का भोग लगाएँ। और मंदिर के ब्राह्मण को दान दें। जिससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है। 

नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ को केले का नैवेद्य चढ़ाने से शरीर स्वस्थ रहता है। 

छठवीं नवरात्रि के दिन माँ को शहद का भोग लगाएँ। जिससे आपके आकर्षण शक्त्ति में वृद्धि होगी। 

सातवें नवरात्रि पर माँ को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने व उसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है एवं आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है। 

नवरात्रि के आठवें दिन माता रानी को नारियल का भोग लगाएँ व नारियल का दान कर दें। इससे संतान संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। 

नवरात्रि की नवमी के दिन तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें। इससे मृत्यु भय से राहत मिलेगी। साथ ही अनहोनी होने की‍ घटनाओं से बचाव भी होगा। 
[02/10 8:20 am] P Omish Ji: अनपेक्षः शुचिर्दक्षः उदासीनो गतव्यथः
सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्तः स मे प्रियः।।

अनपेक्षः--पहला शब्द अर्थात जो किसी से अपेक्षा न करे । कृष्ण ने आकांक्षा शब्द भी प्रयोग किया है जो ज्यादा विशाल है, अपेक्षा थीड़ा सीमित है । अपेक्षायें पूरी न हों तो कष्ट होता है । अपेक्षाओं से अच्छे परिणामों की उम्मीद नही की जा सकती और कभी कभी तो अपेक्षा न होने पर भी ज्यादा बेहतर परिणाम मिल जाते हैं-सो कृष्ण ने भक्ति मे भी निष्काम भक्ति को श्रेष्ठ कहा है । इस देश का इतिहास देखें तो जिन महान लोगों ने अपना जीवन इस राष्ट्र को समर्पित कर दिया अनपेक्ष भाव से, वो आज भी जनमानस के हृदय मे निवास करते हैं । आज का नेता तो राजनीति मे आता ही सिर्फ पद के लिये है यहां तक कि तथाकथित साधू संत भी अपनी प्रतिष्ठा-पद और सामराज्य के लिये ही कार्यरत हैं ।सब भयभीत हैं । आज इस देश को आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो अनपेक्ष हों-शुचिः और दक्षः हों-मन से पवित्र हों । दक्ष और कुशल होना भी जरूरी है अन्यथा षडयंत्रकारी खा जायेंगे । जो अनपेक्ष है-शुचि और दक्ष है, ऐसे कर्मयोगी ईश्वर को प्रिय हैं-ऐसे निष्काम भक्तों को ईश्वर सर्वोच्च गति प्रदान करते हैं । नमो नारायण
           💐सुप्रभातम् 💐
[02/10 8:33 am] P ss: ******|| जय श्री राधे ||******
🙏🙏   *पंचांगम्* 🙏🙏

*दिनाँक -: 02/10/2016*
प्रथम, शुक्ल पक्ष
आश्विन
""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि------प्रतिपदा07:45:43 तक
पक्ष--------------शुक्ल
नक्षत्र-------चित्रा26:44:01
योग----------इंद्र15:33:41
करण--------भाव07:45:43
करण-----–--बालव20:53:50
वार--------------रविवार
माह ---------------------------आश्विन
चन्द्र राशि --------कन्या 13:19:08
चन्द्र राशि ---------तुला 13:19:08
सूर्य राशि --------------------  कन्या
रितु---------------शरद
आयन----------दक्षिणायण
संवत्सर------------दुर्मुख
संवत्सर (उत्तर)                 सौम्य
विक्रम संवत---------2073
विक्रम संवत (कर्तक)         2072
शाका संवत --------------------1938

वृन्दावन
सूर्योदय---------06:13:36
सूर्यास्त---------18:02:49
दिन काल--------11:49:12
रात्री काल-------12:11:16
चंद्रोदय---------07:07:44
चंद्रास्त---------19:03:02

लग्न    कन्या  15°10' , 165°10'

सूर्य नक्षत्र-----------हस्त
चन्द्र नक्षत्र----------चित्रा

🚩💮🚩पद, चरण🚩💮🚩

पे   चित्रा   06:37:542

पो  चित्रा  13:19:083

रा  चित्रा  20:01:124

री  चित्रा  26:44:01*

💮🚩💮ग्रह गोचर💮🚩💮

ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
=======================
सूर्य=कन्या  04 ° 41'    हस्त ,  2 ष
चन्द्र= कन्या  06 ° 25'  चित्रा  , 1 पे
बुध=सिंह06°24' पू oफाल्गुनी, 4  टू
शुक्र=तुला   12°32'  स्वाति ,   3   रो
मंगल=धनु  09 ° 19' मूल  ,  3  भा
गुरु=कन्या01°54'  हस्त  ,   1  पू
शनि=वृश्चिक15°42' ज्येष्ठा , 1  नो
राहू=सिंह19°47' पूर्वा फाल्गुनी, 2 टा
केतु=कुम्भ 19 ° 47' शतभिष, 4 सू

🚩💮🚩शुभा$शुभमुहूर्त🚩💮🚩

राहू काल  16:34 - 18:03अशुभ
यम घंटा 12:08 - 13:37अशुभ
गुली काल  15:06 - 16:34 अशुभ
अभिजित  11:45 -12:32शुभ
दूर मुहूर्त  16:28 - 17:16अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग  06:14 - 07:42अशुभ
चाल  07:42 - 09:11शुभ
लाभ  09:11 - 10:40शुभ
अमृत  10:40 - 12:08शुभ
काल  12:08 - 13:37अशुभ
शुभ  13:37 - 15:06शुभ
रोग  15:06 - 16:34अशुभ
उद्वेग  16:34 - 18:03अशुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ  18:03 - 19:34शुभ
अमृत  19:34 - 21:06शुभ
चाल  21:06 - 22:37शुभ
रोग  22:37 - 24:08*अशुभ
काल  24:08* - 25:40*अशुभ
लाभ  25:40* - 27:11*शुभ
उद्वेग  27:11* - 28:43*अशुभ
शुभ  28:43* - 30:14*शुभ

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान-----------पश्चिम

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गेहूँ खाके यात्रा कर सकते है l

🚩अग्नि वास ज्ञान  -:

1 + 1 + 1 = 3 ÷ 4 = 3 शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

💮 शिव वास एवं फल -:

1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान  भूमि = मृत्यु कारक

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* नवरात्र द्वितीय दिन

💮🚩💮शुभ विचार💮🚩💮

जीवन्तं मृतवन्मन्ये देहिनं धर्मवर्जितम् ।
मृतो धर्मेण संतुक्तो दीर्घजीवी न संशयः
।।चा o नी o।।

   मेरी नजरो में वह आदमी मृत है जो जीते जी धर्म का पालन नहीं करता. लेकिन जो धर्म पालन में अपने प्राण दे देता है वह मरने के बाद भी बेशक लम्बा जीता है.

🚩💮🚩सुभाषितानि🚩💮🚩

गीता -: ज्ञान विज्ञान योग अo-7

स तया श्रद्धया युक्तस्तस्याराधनमीहते ।,
लभते च ततः कामान्मयैव विहितान्हि तान्‌ ॥,

वह पुरुष उस श्रद्धा से युक्त होकर उस देवता का पूजन करता है और उस देवता से मेरे द्वारा ही विधान किए हुए उन इच्छित भोगों को निःसंदेह प्राप्त करता है॥,22॥,

💮🚩दैनिक राशिफल🚩💮

🐑मेष
व्यावसायिक सफलता से हर्ष होगा। आपके द्वारा लिए गए निर्णय सही होंगे। वाहन क्रय करने के योग हैं। पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा।

🐂वृष
आत्मविश्वास बढ़ेगा। परिचित व्यक्ति का सहयोग आपकी परेशानियों को दूर करेगा। व्यापार, काम-धंधे की स्थिति संतोषजनक रहेगी।

👫मिथुन
दुर्व्यसनों पर नियंत्रण रखना होगा। सरकारी मामले उलझेंगे। व्यापार-व्यवसाय में उतार-चढ़ाव से चिंता रहेगी। गुस्सा, आवेश पर काबू रखें।

🦀कर्क
नए अनुबंध नहीं करें। आर्थिक वृद्धि के प्रयास निष्फल होंगे। व्यावसायिक कार्य सफल नहीं हो पाएंगे। फिजूल की बातों को नजरअंदाज करें।

🐅सिंह
संपत्ति संबंधी कार्यों के लिए दिन अनुकूल रहेगा। निज प्रयासों से अपने बलबूते पर उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। आय-व्यय में संतुलन रहेगा।

💁कन्या
आजीविका एवं सुख के साधन जुटा पाएंगे। जोखिम, जवाबदारी के कामों से बचकर रहें। किसी से सहयोग की आशा नहीं करें।

⚖तुला
व्यापार में नए अनुबंध होंगे। आय में वृद्धि के योग हैं। कला की तरफ रुझान होगा। व्यर्थ के दिखावे एवं आडंबरों से दूर रहें।

🦂वृश्चिक
परिवार में सुख-शांति रहेगी। संतान की ओर से अनुकूल परिणाम आएंगे। आध्यात्मिक क्षेत्र में विशिष्ट अनुभव से मन में उत्साह रहेगा।

🏹धनु
व्यापार अच्छा चलेगा। प्रतिष्ठित व्यक्ति से मेल-जोल बढ़ेगा। आय से अधिक व्यय नहीं करें। सामाजिक मामलों में आपकी आलोचना होगी।

🐊मकर
सोचे हुए काम बनेंगे। बौद्धिक चिंतन से आशंकाएं दूर होंगी। व्यापार अच्छा चलेगा। संतान की उन्नति खुशी को बढ़ाएगी। वाद-विवाद में नहीं पड़ें।

🍯कुंभ
सुख, शांति, समृद्धि बढ़ेगी। व्यावसायिक सफलता से हर्ष होगा। जवाबदारी के कार्य ठीक से कर पाएंगे। महत्वपूर्ण यात्रा के योग बनेंगे।

🐠मीन
सुख के साधन क्रय करने के योग बनेंगे। पिछले कार्यों में विशेष सफलता मिलेगी। दूसरों की देखा-देखी नहीं करें। किसी चिंता से मुक्ति मिलेगी।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
[02/10 11:26 am] P ti. satyprkash: [10/2, 9:01 AM] ‪+91 99206 84431‬: मनो यस्य वशे तस्य भवेत्सर्वं जगद्वशे |
मनसस्तु वशे योऽस्ति स सर्वजगतो वशे ||
अपेक्षन्ते न च स्नेहं न पात्रं न दशान्तरम् |
सदा लोकहिते युक्ताः रत्नदीपा इवोत्तमाः ।।💐💐💐💐🙏🏻
[02/10 11:30 am] P anil. mumba: लगता है भईया सत्य जी कल की वार्ता से अभी भी नाराज है जी अभी तक छमा नहीं कियें 🙏🏻🌷🙏🏻
[02/10 11:39 am] P ti. satyprkash: चैत कुआर दुइ महीना में बाभन बिना चुनी चोकर के दुनो बेला जोति जा थें।😀😀😀
[02/10 11:39 am] P Omish Ji: बडा सुन्दर लगता है भैया जी🙏�🙏
[02/10 12:47 pm] Saty Sukl: सभी विप्रों को कोटिशः प्रणाम 👏👏👏
धर्मार्थ परिवार मे उपस्थित सभी विप्रो के चरणो मे अनुज की ओर से यह पुष्प 🌹🌹🌹स्वीकार हो तथा नवरात्री के पावन पर्व की हार्दिक शुभ कामनांए |
[02/10 12:54 pm] Saty Sukl: भावोँ  को  शब्दों  में  पिरोकर
अँसुवन   भेंट   चढाता   हूँ ।
जब जब जाता मॉ के दर पर
मन  हल्का  कर  आता  हूँ ।।
🙏🏻🙏🏻जय माता दी 🙏🏻🙏🏻
[02/10 1:25 pm] P surymni: 💖

*नवदुर्गा*- एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा के नौ स्वरूप !

1. जन्म ग्रहण करती हुई कन्या *"शैलपुत्री"* स्वरूप है !

2. कौमार्य अवस्था तक *"ब्रह्मचारिणी"* का रूप है !

3. विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह *"चंद्रघंटा"* समान है !

4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह *"कूष्मांडा"* स्वरूप है !

5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री *"स्कन्दमाता"* हो जाती है !

6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री *"कात्यायनी"* रूप है !

7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह *"कालरात्रि"* जैसी है !

8. संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से *"महागौरी"* हो जाती है !

9 धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार मे अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली *"सिद्धिदात्री"* हो जाती है !
🙏🍁🙏🍁🙏🍁🙏
[02/10 2:05 pm] पं रवि जी: दीपक गोस्वामी पिता जी का नाम ,श्री शिवदास गोस्वामी
जिला,भिंड
तहसील,लहार
ग्राम पोस्ट आलमपुर
मध्यप्रदेश 
मो,8878397946
[02/10 2:06 pm] महाकाल जी: जय हो नियमावली प्रेषित हो ओमिश जी द्वारा इनको
[02/10 2:06 pm] P ti. satyprkash: गोस्वामी जी का स्वागत है धर्मार्थ परिवार में💐💐💐💐
[02/10 2:09 pm] महाकाल जी: धर्मार्थ में पधारे नवागन्तुक आचार्य वर गोस्वामी जी का मैं अज्ञानी महाकाल बाबा हृदय से स्वागत करता हूँ
[02/10 2:18 pm] कृष्णा जी: 🚩🙏🚩swagtam🚩
[02/10 6:32 pm] पं विजय जी: तंत्र शास्त्र के अनुसार नव रात्रों में नों दिनों तक अगर कोई व्यक्ति राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय करे, तो उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है और उसकी किस्मत चमक जाती है। तंत्र शास्त्र के अनुसार सिद्धि प्राप्ति के लिए यह बहुत ही खास समय है। जानिए राशि अनुसार उपाय-

मेष- इस राशि के लोगों को स्कंदमाता की विशेष उपासना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। स्कंदमाता करुणामयी हैं, जो वात्सल्यता का भाव रखती हैं।

वृषभ- वृषभ राशि के लोगों को महागौरी स्वरूप की उपासना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। ललिता सहस्रनाम का पाठ करें। जन-कल्याणकारी है। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

मिथुन- इस राशि के लोगों को देवी यंत्र स्थापित कर मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए साथ ही तारा कवच का रोज पाठ करें। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान प्रदाता व विद्या के अवरोध दूर करती हैं।

कर्क- कर्क राशि के लोगों को शैलपुत्री की पूजा-उपासना करनी चाहिए। लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें। भगवती की वरद मुद्रा अभय दान प्रदान करती हैं।

सिंह- सिंह राशि के लिए मां कूष्मांडा की साधना विशेष फल करने वाली है। दुर्गा मंत्रों का जप करें। ऐसा माना जाता है कि देवी मां के हास्य मात्र से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। देवी बलि प्रिया हैं, अत: साधक नवरात्र की चतुर्थी को आसुरी प्रवृत्तियों यानी बुराइयों का बलिदान देवी के चरणों में निवेदित करते हैं।

कन्या- इस राशि के लोगों को मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मी मंत्रों का साविधि जप करें। ज्ञान प्रदान करती हुई विद्या मार्ग के अवरोधों को दूर करती हैं। विद्यार्थियों हेतु देवी की साधना फलदाई है।

तुला- तुला राशि के लोगों को देवी महागौरी की पूजा-आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें। जन-कल्याणकारी है। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

वृश्चिक- वृश्चिक राशि के लोगों को स्कंदमाता की उपासना श्रेष्ठ फल प्रदान करती है। इस राशि के लोग नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो इनके लिए शुभ फलकारी रहेगा।

धनु- इस राशि वाले मां चंद्रघंटा की उपासना करें। संबंधित मंत्रों का यथाविधि अनुष्ठान करें। घंटा प्रतीक है उस ब्रह्मनाद का, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।

मकर- मकर राशि के जातकों के लिए कालरात्रि की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। नर्वाण मंत्र का जप करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोप, अग्निकांड आदि का शमन करती हैं। शत्रु संहारक है।

कुंभ- कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए कालरात्रि की उपासना लाभदायक है। देवी कवच का पाठ करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोपों का शमन करती हैं।

मीन- मीन राशि के लोगों को मां चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। हरिद्रा (हल्दी) की माला से यथासंभव बगलामुखी मंत्र का जप करें। घंटा उस ब्रह्मनाद का प्रतीक है, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
[02/10 6:35 pm] पं विजय जी: विशेषकर ममानुज सत्य भैया अनिल जी ओमिश जी मंगला जी को जय श्री महाकाल 🙏🌹🙏
[02/10 6:42 pm] P Omish Ji: भैया सत्य जी को सादर नमन🙏�🙏�
मेरे पास  इतना अध्यात्मिक ज्ञान क्या कुछ भी नही है कि मै उलटबासी की व्याख्या कर सकूँ।
ये दोहा मेरे पास था और कभी सुना गया था इसलिए अपने ढंग से दर्शाया गया है। मेरे से ज्यादा अनुभव आप सभी के पास है। चाहे सांसारिक हो या अध्यात्मिक या हास्य-विनोद आप सबके सानिध्य में रहकर उम्मीद है कि मैं भी कुछ कुछ उत्तर देने में सक्षम हो जाऊंगा।
और मेरा अनुमान है कि हर प्रश्न का उत्तर हर किसी के पास नही होता।
जो कि आप मुझे उलटबासी दोहे भेजते रहे और मै उसकी व्याख्या करता रहूँ।
सामर्थ्य अनुसार प्रयास करूंगा।
🙏�🙏�आप सभी आशीर्वाद दे तो सबको संतुष्टि भी होगी🙏�🙏
[02/10 6:45 pm] P Omish Ji: भैय्या जी सादर नमन🙏�🙏�
एक अचंभा देखा रे भाई।
ठाढ़ा  सिंह चरावै गाई।।
पहिले पूत पीछे माई भाई।चेला के गुरु लागई पाई।।
जल की मछली तरवरि ब्यायी। कुता को लै गयी बिलाई।।
बेलही डारि गोनि घरि आई।घोरे चढ़ी भैस चरावन जाइ।।
तलि करि पत्ता उपरि मूल बहुत भांति जड़ लगी फूल।।
कहै कबीर या पद को बुझे। ताको तिनिउँ त्रिभुवन सूझे।।

अब यहाँ खड़े होकर सिंह का गाय चराना, माँ के पहले पुत्र का पैदा होना, शिष्य को गुरु का शिष्य के पैर लगना (चरण स्पर्श करना), जल की मछली का पेड़ को जन्म देना, बिल्ली को पकड़कर मुर्गे का खाना, बैल को रस्सी डालकर घर आना, कुत्ते को बिल्ली द्वारा पकड़ कर ले जाना, वृक्ष की शाखाओं का नीचे होना और जड़ ऊपर होना आदि उनके स्वभाव के विपरीत है और कबीर यह आश्चर्यजनक घटनाएँ देखकर दंग हैं। और इसपर कबीर कहते हैं कि जो इस पद को समझ लेगा उसे तीनों लोकों का ज्ञान हो जाएगा। पता नहीं कबीर किस लोक की बात कर रहे हैं। विद्वान कबीर के ऐसे प्रयोग को उनकी उलट बाँसियाँ कहते हैं और इसमें अर्थान्वेषण किए बिना भावबोध होना असम्भव है। इसमें सिंह, गाय, माँ, पुत्र, गुरु, चेला आदि प्रतीक हैं जिनके माध्यम से कबीर अपनी आध्यात्मिक अनुभूति को व्यक्त कर रहे हैं।
अतएव अर्थान्वेषण आलोचक का पहला धर्म होना चाहिए या यों कहना चाहिए कि आलोचना के मूल में अर्थान्वेषण है और आलोचना रूपी वृक्ष इसी से विकसित होता है। आलोचना के अन्य अंग इसकी शाखाएँ-प्रशाखाएँ हैं। अर्थान्वेषण का भी एक समीकरण होना चाहिए जिससे उसके विभिन्न अवयवों के साथ अर्थ संतुलित हो।
फिर कभी अवसर मिलने पर इस शृंखला की अगली कड़ी पर विचार किया जायेगा।
[02/10 6:47 pm] पं हर्षचरित: बाबा जी हमरो पर ध्यान देब लल्ला के बाद😀😀😀😀
[02/10 6:49 pm] पं विजय जी: गांधी उस गीता को हाथ में लेकर अहिंसा की बात करते थे जिस गीता को सुनकर अर्जुन ने महाभारत का भीषण युद्ध किया।

-या तो गांधी गीता नहीं समझ सके
या फिर लोग गांधी को नहीं समझ सके??
[02/10 9:51 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: आप सभी भूदेवों को बालक का रात्रिकालीन दण्डवत, भैया अनिल जी के मृदुल स्वर को नमन,भैया विजय जी द्वारा तंत्र शास्त्र की सम्यक् प्रस्तुति के लिये कोटिश: धन्यवाद,लल्ला ओमीश की उलटबासी की व्याख्या की भूरि भूरि प्रसंसा करता हूं |एवं नये अतिथि श्रीमान दीपक गोस्वामी जी का हृदय से स्वागत अभिनन्दन🌹🙏🌹
[02/10 11:25 pm] P Omish Ji: जानकारी है भैया जी
देखिए😀🙏
[02/10 11:25 pm] P ti. satyprkash: लिंक केवल सब्जेक्ट भर होते हैं उनसे कोई डाटा खर्च नही होता न तो मेमरी ही भरती है। जब तक उसे खोला न जाय।फिर भी संस्थापक महोदय के विचारो का पालन हो।
[02/10 11:36 pm] पं रवि जी: लिंक भेजना जरुरी नहीं है यहाँ लिंक का कोई स्थान नहीं होना चाहिये इसका डेटा कम या जयदा का कोई लेना देना नहीं है यह जरुरी नहीं लिंक अगर बहुत ही जरुरी हो तो उसका उपयोग पर्सनल में कर सकते है और सामने बाला लाभ भी ले सकता है यहाँ संग्रहणीय व् सारगर्वित विष य
बस्तु हो तो अधिक अच्छा होगा ।🙏
[02/10 11:38 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: मै यह नहीं चाहता कि लिंक को लेकर कोई नया बखेड़ा तैयार हो,आदरणीय विभूती गुरू जी का कहना एक दम सही है |🌹🙏🌹
[02/10 11:48 pm] P ti. satyprkash: कुछ दिन पहले किसी ग्रुप में एक मैसेज आया था जिसका मजमून कुछ इस तरह था।
HMT  घड़ी नोकिया मोबाईल और अम्बेस्डर कार में कोई कमी नही थी। लेकिन वे मार्केट से नदारत इसलिये हो गए क्योकि इन्होंने समय के साथ अपने को अपडेट नही किया । नियम कड़े होने जरूरी है लेकिन उनका लचीला और मजबूत तथा दूरदर्शी होना उससे भी जरूरी है।
परिवर्तन संसार का सारभौमिक सत्य है जो प्रजाति समय के साथ परिवर्तित नही होती लुप्त हो जाती है। गीध नामक बलशाली पक्षी भी इस कड़ी का उदाहरण है। दुनिया बहुत तेजी से विकास कर रही है भारत मार्डन हो रहा है मेरे विचार से धर्मार्थ को भी समय के साथ चलना चाहिये। मैं नही समझता की धर्मार्थ के सदस्य अन्य ग्रुपों में लिंक को न देखते हो टेक्स्ट लिंक में कोई बुराई नही है।
[03/10 12:00 am] महाकाल जी: तिवारी जी एवं ग्रुप के सभी विद्वानों को निशा नमन स्वीकार हो
[03/10 12:00 am] पं रवि जी: मुझे लिंक से आपत्ति इस्लिए है की मेरे एक मित्र ने मुझेलिंक भेजा और आगाह किया की ये लाइव रेकार्डिंग है अपने सेना के जबानों की सर्जिकल अपरेशन को लेकिन -----/और मैं लेकिन केचक्कर में श्रीमान वायरस महोदय को निमंत्रण दे दिया और अब ओ पंगत लगा के बैठ गए है कहते है कोऔर लिंक का आनंद ले लो बन गए मैं नहीं चाहता की ये घटना और लोग भी झेले लेकिन मानव स्वव्हाव जब तक गिरता नहीं उसे खुद दूसरे परभरोशा नाहीहोता आप लोग अगर सभी सहमत है तो सबसे पहले मैं ओ लिंक भेज दू आप सभी दशहरे तक खुद खैरइससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा 🙏
[03/10 12:01 am] महाकाल जी: अभी भगवती जी के सरण से उठा हूँ सोचा आशीर्वाद भी लिंक से ही मांग लूँ😀😀😀
[03/10 12:02 am] P ti. satyprkash: बाबा जी हमारा भी पहुंचे🙏�🙏�🙏�लठीऔत
[03/10 12:02 am] P lakciman: आज २ अक्टूबर,२०१६ को मैं डॉ. लक्ष्मण दूबे  घोषणा करता हूँ कि 'उड़ी आतंकी हमले' के मुख्य षडयंत्रकर्त्ता पाकिस्तान और उसके आतंकियों को भारतविरोध हेतु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने के कारण "चीन" द्वारा निर्मित कोई भी चाइनीज़ सामान नही खरीदूँगा, भले ही वह भारतीय सामान की तुलना में कितना ही सस्ता क्यों न हो। क्योंकि जो चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है उस देश में मेरा एक रुपया भी जाना मेरे देश के विरुद्ध है।
मैं सपरिवार एवं स्वयं को स्वच्छ भारत मिशन में सहभागी बनाने का भी प्रण लेता हूँ।
वन्देमातरम्
[03/10 12:12 am] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: ॐसच्चा नामधेयाय श्री गुरवे परमात्मने नमः
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     धर्मार्थ वार्ता समाधान संघ| की नियमावली 
~~~~~~~~~~~~|
जिसका पालन करना "धर्मार्थ वार्ता समाधान संघ"के सभी विद्वत आचार्यसदस्यों को अनिवार्य होगा।
धर्मार्थ वा०स० संघ-नियमावली
_______________________
१.सर्व प्रथम संघ के सभी आदरणीय श्रेष्ठ विद्वत आचार्य गणों से वार्ता करते समय उनके नाम के आगे सम्मान सूचक शब्द अवश्य लगायें।
२.श्रेष्ठ आचार्य गणों द्वारा छोटों को भी उचित सम्मान से ही संबोधित किया जाये।
३.आपसी शिष्टाचार एवम्
सौम्यता बनाते हुये सब से प्रेम पूर्वक सदाचार का परिचय दें |
४.किसी भी सदस्य के प्रति हीन भावना न रखते हुये सब को अपने परिवार का अभिन्न अंग माने।
५.किसी भी विद्वत सदस्य के ऊपर कोई भी ऐसी टिप्पणी न करें जिससे किसी का मन आहत हो या किसी को दुःख पहुँचे।
६.संघ के नाम एवम् प्रोफाइल फोटो से किसी प्रकार की छेड़खानी न करें यह कार्य संस्थापक महोदय एवं संचालक समिति के अंतर्गत आता है।
७.किसी भी प्रकार के अनावश्यक मैसेज न भेजें,जैसे चुटकुले, शाइरी,कॉमेडी या 'ये मैसेज 20 लोगो को शेयर करो शाम तक अच्छी खबर मिलेगी नहीँ तो आपका अनिष्ट होगा'_ इस प्रकार के मैसेज भेजना दण्डनीय अपराध माना जायेगा।
८.संघ में मात्र केवल सनातन धर्म,आध्यात्म,पुराण,
वेदोपनिषद् ,समस्त सनातन धर्म से सम्बंधित संग्रह ही भेजें। वह भी लिखित इमेज लेख न हो |
९.किसी भी सदस्य के प्रति हास परिहास,आपत्तिजनक टिप्पणी न करें,जिससे किसी भी प्रकार का विवाद हो।
१०.किसी भी सदस्य को अपनी विद्वता से निचा दिखाने का प्रयास न करें,बल्कि अपने ज्ञान को प्रेम पूर्वक प्रस्तुत करें।
११.किसी भी प्रश्न के ऊपर चल रही वार्ता समाधान  के वक्त दूसरे पोस्ट न भेजें |
१२.कोई भी चित्र या वीडियो फोटो भेजना विशेष मुख्य रूप से वर्जित है इसका विशेष ध्यान रखें |किसी भी सदस्य द्वारा इमेज या वीडियो भेजे जाने पर,महाकाल की खण्डपीठ के जरिये धारा ७२ की तहत तत्काल ७२ घंटो के लिये निष्कासित किया जायेगा |कारण स्पष्ट होने के बाद ही पुन: जोड़ा जा सकता है |
१३.संघ में किसी भी नए अतिथि विद्वान के आने पर उनका समुचित स्वागत अभिवादन करना हम सब के अच्छे शिष्टाचार का परिचायक है |
१४.किसी भी सदस्य से किसी प्रकार की त्रुटि होने पर उनके प्रति अन्य कोई सदस्य न उलझें। उसका समाधान, प्रशासनिक श्रेष्ठ गुरुजनों द्वारा या संघ संस्थापक द्वारा किया जायेगा। यदि किसी को किसी से शिकायत है तो वे संस्थापक महोदय या प्रसाशनिक समिति के किसी भी गुरूजन सदस्यों से पर्सनल एकाउंट में वार्ता करें।
१५.अगर अपने निजी कारणों बस कोई भी सदस्य संघ से बाहर होना चाहते हैँ तो कृपया सूचना अवश्य देने की कृपा करें।
१६.संघ के नियमो को कुछ और सुदृढ़ बनाने के लिए आप सब अपनी राय दे सकते हैँ संस्थापक महोदय के पर्शनल में।
१७."आप सभी विद्वत जन अपने प्रोफाइल में अपनी फोटों व अपना नाम अवश्य लिखें |
१८.कभी कभी मनोविनोद एवं मनोरंजन की वार्ता को अन्यथा न लेकर आनन्द की अनुभूति करें क्यों कि इस भागदौड़भरे जीवन में हसना और हसाना भी बहुत आवश्यक है ! लेकिन हास्य सामाजिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुये करें |
१९.संघ में किसी भी पोस्ट को दुबारा पोस्ट करना वर्जित है किसी सदस्य के आग्रह करने पर ही दुबारा पोस्ट भेज सकते हैँ |
२०.संघ को और मजबूत बनाने हेतु विशिष्ठ विद्वत जनोँ की आवश्यकता होती है,अतः जिन विद्वत जनोँ के सम्पर्क में अच्छे शुमधुर व्यवहार वाले ज्ञानमय ब्राम्हण हों,उन विद्वानों को जोड़ने के लिए संस्थापक महोदय या समिति के गुरू जनों से सम्पर्क कराएं तथा उन्हें संघ के नियमो से भी अवगत कराये |
२१.संघ में वार्ता करने का समय सुबह ५:३०से रात्रि
११:०० तक आवश्कता पड़ने पर १२:३० तक
२२.संघ में किसी भी प्रकार के लिंक भेजना शक्त मना है |
२३.धर्मार्थ वार्ता समाधान की प्रशासनिक-सूची :—
१--स्वतंत्र प्रभार--:श्री मान संतोष मिश्रा शोष जी एवं श्रीमान् विजयभान गोस्वामी जी
२--न्यायाधीश--:श्रीमान् जगदीश द्विवेदी (महाकाल बाबा जी)
३--उप न्यायाधीश--: यज्ञाचार्य श्रीमान ब्रजभूषण त्रिपाठी जी 
४.अध्यक्ष--: श्रीमान् सत्यप्रकाश तिवारी जी
५.उपाध्यक्ष--:श्रीमान् अनिल पाण्डेय जी(मुं.दे.)
६.कोशाध्यक्ष--: श्रीमान दीना नाथ तिवारी जी
७.प्रवक्ता--:श्रीमान् ओमीश जी (कोपरखैरणे)
८.--:सचिव--:श्रीमान पं. आलोक शास्त्री जी एवं श्री रवि कान्त पांडेय महाराज जी भोथी रीवा साखा प्रमुख 
९.उप सचिव--:श्रीमान् सुनील व्यास जी 
१०.संयोजक--:श्रीमान् सत्यप्रकाश शुक्ला जी
११.मार्गदर्शक--:श्रीमान् सूर्यमणि मिश्र जी,श्रीमान बलभद्र उपाध्याय जी,श्रीमान शिवाकान्त त्रिपाठी जी,श्रीमान सान्ति भूषण त्रिपाठी जी, श्रीमान पवनेश शुक्ल जी डॉक्टर लक्ष्मण द्विवेदी जी
१२--:व्यवस्थापक ÷श्रीमान् रविन्द्र मिश्र  (व्यास जी) एवं समस्त धर्मार्थ परिवार
१३.प्रयाग शाखाप्रमुख--:पद्मधर मिश्र जी
१४.(संस्थापक)पं मंगलेश्वर त्रिपाठी
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********************
जयतु गुरुदेव, जयतु भारतम्
[03/10 12:30 am] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न..

हर तरफ़ ज़ुल्म है, बेबसी है
सहमा सहमा- सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अँत हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न..

दूर अज्ञान के हों अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचते रहें हम
जितनी भी दे भली ज़िन्दग़ी दे
बैर हो न, किसी का किसी से
भवना मन में बदले की हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न..

हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू बहाकर
करदे पावन हरेक मनका कोना
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न..

हम अँधेरे मे हैं रौशनी दे
खो न दें खुद को ही दुश्मनी से
हम सज़ा पायें अपने किये की
मौत भी हो तो सह लें खुशी से
कल जो गुज़रा है फिर से न गुज़रे
आनेवाला वो कल ऐसा हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न..

इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न...
[03/10 12:33 am] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: रामू और श्यामू जुड़वाँ भाई थे। वे जुड़वाँ तो थे, पर एक-दूसरे से बिलकुल अलग थे- स्वभाव में भी शरीर की बनावट में भी। रामू लंबे कद का और दुबला-पतला था। रामू दूसरों के साथ जल्दी घुल मिल जाता था और दूसरों की मदद भी करता था, परन्तु श्यामू कंजूस था और किसी से खुलकर बात नहीं करता था। वे कभी एक साथ नहीं रह पाते थे और आपस में अकसर लड़ते-झगड़ते रहते थे।

एक दिन वे दूर शहर की यात्रा पर निकले। वे एक जंगल से होकर गुजर रहे थे। उनकी माँ ने रास्ते के लिए खाना बनाकर दिया था। रास्ते में चलते हुए आपस में लड़ते-झगड़ते वे बरगद के पेड़ के नीचे पहुँचे। पेड़ के पास एक ही सरोवर था। गरमी का महीना था और भरी दुपहरी का समय था। दोनों भाइयों को जोर की भूख लगी थी और वे प्यासे भी थे। वे बरगद के नीचे बैठकर खना खाने के लिए तैयार हो गए।

वहाँ कुछ और राहगीर भी बैठे थे। कुछ खाना खा रहे थे तो कुछ आराम करे रहे थे। रामू और श्यामू ने भी सरोवर के पानी से हाथ-मुँह धोकर अपना खाने का डिब्बा खोल दिया।
रामू के पास तीन रोटियाँ थीं और श्यामू के पास दो। यह देखकर श्यामू को अपनी माँ पर बहुत गुस्सा आया। माँ ने तो शायद रामू का शरीर भारी होने के कारण उसे ज्यादा और श्यामू को कम रोटियाँ दी होंगी; लेकिन श्यामू यह बात नहीं समझ सकता था। तभी एक और राहगीर वहाँ आया और बोला, ‘‘भाई, मैं आप दोनों को भोजन के समय परेशान करने के लिए क्षमा चाहता हूँ; लेकिन मैं बहुत भूखा हूँ और रास्ता भूल गया हूँ। मेरे पास पैसे तो हैं, लेकिन यहाँ आस-पास कोई होटल या ढाबा वगैरह नहीं है। अगर आप लोग अपने खाने में से थोड़ा सा मुझे दे देंगे तो मैं उसके दाम दूँगा।
दोनों भाई तैयार हो गए। रामू इसलिए तैयार हुआ कि उसे पैसा मिल रहा था और श्यामू इसलिए तैयार हुआ कि वह अपनी रोटियाँ बाँटकर खाना चाहता था।

इस प्रकार तीनों ने आपस में रोटियों का बँटवारा करके एक साथ बैठकर खाया। जाने से पहले राहगीर ने चाँदी के पाँच सिक्के उनके सामने रखते हुए कहा, ‘‘भगवान् आप दोनों का भला करे। मेरा पेट भर गया, अब मैं संतुष्ट हूँ।’’
खाना तो किसी को भी खुश और संतुष्ट कर सकता है। लालची-से-लालची आदमी भी कभी-न-कभी संतुष्ट हो जाता है।

रामू ने चाँदी के पाँच सिक्कों में से दो श्यामू को दिए और शेष तीन अपने पास रख लिये। यह देखकर श्यामू आगबबूला हो गया। वह कहने लगा, ‘‘राहगीर को हम दोनों ने ही खाना दिया था, तो दोनों को बराबर पैसे मिलने चाहिए। मुझे आधा सिक्का और दो।’’
इस पर रामू ने मुस्कराते हुए कहा, ‘‘मैंने सोचा कि मेरे पास तीन रोटियाँ थीं, इसलिये मुझे तीन सिक्के मिलने चाहिए और तुम्हारे पास दो रोटियाँ थीं, इसलिए तुम्हें दो सिक्के मिलने चाहिए। लेकिन तुम अगर खुश नहीं हो तो ठीक है, मैं तुम्हें आधा सिक्का और दूँगा; लेकिन मेरे पास अभी खुला नहीं है।’’
उधर, श्यामू जिद करने लगा कि उसे सिक्का अभी और यहीं चाहिए। रामू को कुछ नहीं सूझा तो वह एक साथी राहगीर के पास पहुँचा, जो पास में ही बैठा पहले से उनकी बातें सुन रहा था।

रामू ने उससे पैसे खुले करने के लिए अनुरोध किया। इस पर राहगीर मुस्करा कर कहने लगा, ‘‘मेरा ख्याल है कि यह न्याय नहीं है। तुम तीन सिक्के नहीं ले सकते। अगर तुम चाहों तो मैं तुम लोगों का ठीक-ठीक बँटवारा कर सकता हूँ।’’
श्यामू बहुत खुश था। उसने कहा, ‘‘ठीक है, आप न्याय करें। हम वैसा ही करेंगे जैसा आप कहेंगे।’’
इस पर राहगीर बोला, ‘‘मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम दोनों के पास कुल मिलाकर पाँच रोटियाँ थीं और तीन लोगों ने बराबर-बराबर रोटियाँ ली; इसका अर्थ हुआ कि हर रोटी के तीन बराबर हिस्से किए गए। इस प्रकार कुल पंद्रह हिस्से हुए। अब, रोटियों के पंद्रह टुकड़े तीन आदमियों ने मिलकर खाए। श्यामू के पास छह टुकड़े थे और उसने पाँच टुकड़े खाए। इस प्रकार उस अतिथि राहगीर को रामू ने चार टुकड़े खिलाए और श्यामू ने एक। अत: पाँच सिक्कों में रामू को चार और श्यामू को एक सिक्का मिलना चाहिए।’’
इस फैसले से श्यामू बहुत शर्मिन्दा हुआ। उसने एक सिक्का अपने भाई को वापस दे दिया।
[03/10 9:02 am] P anil. mumba: धर्मार्थ परिवार में उपस्थित सभी गुरुजनों को अनिल पांडे का प्रणाम शुभ प्रभातम🙏🏻🌺🙏🏻
मैं एक निवेदन करना चाहता हूं माननीय सत्य प्रकाश भइया जी से और सभी सदस्य सभासदों से की अनावश्यक बातों से बचें जो संघ संचालक महोदय ने नियमावली परिवर्तन की उस पर विचार करके उसका पालन करें लिंक वगैरह की आवश्यकता यहां नहीं है इसी लिए के वजह से बीते हुए समय में कितना अपवाद हुआ तो इस विषय को ध्यान में रखते हुए  को और जो भी नियम के विरुद्ध कोई करेगा वह चाहे मैं ही क्यों ना हो या संघ के कोई भी सदस्य हैं उनके ऊपर कार्यवाही जो नियम के अंतर्गत नियम बनाए गए हैं उनके अंतर्गत उनको उसका परिणाम स्वरुप फल भोगना ही होगा चाहे जो भी हो और शांति से वार्ता हो दूसरी बात बाबा जी जो गत हो गई बात पुनः यहां नहीं होगा ऐसा संघ एक बार जैसा हुआ अब नहीं होने पाएगा इसके लिए मैं पूर्ण रुप से एक्टिव हूं इसमें और ऐसा नहीं होने दिया जाएगा यह मेरा पर्सनल मत है और पर्सनल विचार है स्वतः का सोच है आगे आपकी मर्जी
🙏🏻🌺🙏🏻 जय महाकाल🙏🏻🌺🙏🏻
[03/10 10:59 am] P anil. mumba: आप सभी के बीच में मैं एक प्रश्न रखना चाहता हूं जिसका निराकरण समाधान आप सबके हमको माताजी का जो बीज मंत्र है उसका क्या अर्थ है लिखने में असुविधा है ओम एम हरीम कलीम चामुंडाए विच्चे नमः इसका कृपया उत्तर बताने की कृपा करें और बीज मंत्र को किसी भी प्रकार से टच नहीं करना चाहिए फिर भी हम चाहते हैं कि आप लोगों के द्वारा इसका उत्तर मिले अति प्रसन्नता होगी जय महाकाल
[03/10 11:06 am] पं विजय जी: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
[03/10 11:07 am] P anil. mumba: जी बिजय भईया जी मै लिख नहीं पता था इस लिए
[03/10 11:08 am] P Gnesh: श्रीमन्नमहागणाधि पतये नमः
    🕉श्रीं त्रिपुरसुन्दर्यै नमः🕉
              
                  🙏�💐🙏
[03/10 11:09 am] पं विजय जी: मैने आपकी मदद के लिए लिख दिया अनिल जी
[03/10 11:13 am] P anil. mumba: जी भइया जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपको🙏🏻🌺🙏🏻
[03/10 11:38 am] P Omish Ji: 'ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे'
शायद इतना ही मंत्र है भैया नमः का स्मरण नही हो रहा मुझे 🙏�🙏�🙏�🙏�🙏
[03/10 11:38 am] P Omish Ji: सुदामा ने भगवान् कृष्ण  से पूछा प्रभु "मौन" और "मुस्कान" में
               क्या अंतर है ?

    तो कृष्ण भगवान ने सुंदर जबाब दिया--
       "मौन" और "मुस्कान" दो शक्तिशाली हथियार होते है.
"मुस्कान" से कई समस्याओ को हल किया जा सकता है और "मौन" रहकर कई समस्याओको दूर रखा जा सकता है।
[03/10 11:40 am] P anil. mumba: हा ओमीश जी वाईस टाइपिग्ग से लिख गया है
[03/10 11:41 am] P Omish Ji: मैने भी लिखा है भैया जी मेरा देर से पहुँचा है😫😩
[03/10 11:41 am] P Omish Ji: अरे जब बोलेगे तभी तो वाइस लिखती हैं 😀😀
[03/10 11:43 am] P anil. mumba: इस मंत्र का क्या अर्थ है कृपया व्याख्या करने की कृपा करें सभी गुरु जन 🙏🏻🌺🙏🏻
[03/10 11:49 am] P parmanand Ji: 🙏🏽 श्री  सर्वेभ्यो नमः 🙏🏽
बड़े भ्राता श्री जी के चरणों
में प्रणाम दण्डवत
[03/10 11:50 am] P anil. mumba: ओमीश जी आप को भी बहुत 2 धन्यवाद्🙏🏻🌺🙏🏻
[03/10 11:50 am] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: भैया अनिल जी जहां तक हमने सुना है इस बीज मंत्र का अर्थ यही है |
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।। 
'ऐं' श्री महासरस्वती का बीज मंत्र है। वाणी, ऐश्वर्य, बुद्धि तथा ज्ञान देने वाला है। 
'ह्रीं' श्री महालक्ष्मी का बीज मंत्र है। ऐश्वर्य, धन देने वाला है।
'क्लीं' शत्रुनाशक महाकाली का बीज मंत्र है। 
'चामुण्डायै विच्चे' यह मां चामुण्डा यानि नव देवीयों के एकल स्वरूप मां दुर्गा के लिये है |बाकी रहस्य एवं सत्यता क्या है आप विद्वत श्रेष्ठ गुरू जनो से जानना चाहूंगा 🌹🙏🌹
[03/10 12:39 pm] ‪+91 88783 97946‬: किसी सन्त ने कहा कि .
"मनुष्य में धैर्य हो तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है ।"
एक व्यक्ति ने प्रश्न किया कि . .
"क्या धैर्य से आप छलनी में पानी को ठहरा सकते हो ? क्या यह सम्भव है ?"  सन्त ने उत्तर दिया कि . . .
  'पानी' को 'बर्फ़' बनने तक का तुम में 'धैर्य' होगा तो यह भी सम्भव है।
    🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय माता दी🙏🏻🙏🏻🙏🏻
[03/10 1:15 pm] पं रवि जी: भाई जी यहाँ से भी बिदा हो लिए क्या बात है कुछ कमी है लेकिन उनकी मर्जी क्या कह सकते है
[03/10 3:28 pm] P anil. mumba: जय महाँकाल🙏🏻🌺🙏🏻

प्रीति करि काहू सुख न लह्यो।
        प्रीति पतंग करी दीपक सों आपै प्रान दह्यो।।
        अलिसुत प्रीति करी जलसुत सों¸ संपति हाथ गह्यो।
        सारंग प्रीति करी जो नाद सों¸ सन्मुख बान सह्यो।।
        हम जो प्रीति करी माधव सों¸ चलत न कछू कह्यो।
        'सूरदास' प्रभु बिन दुख दूनो¸ नैननि नीर बह्यो।
[03/10 4:46 pm] P anil. mumba: ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले,
अक्सर डूब जाते हे;
     
   फिर चाहे वो *अभिमान* का हो ;  या *सामान* का ।..🖌
[03/10 5:03 pm] P Omish Ji: *एक अभियान*

कृपया कोई भी पटाखा व्यापारी इस बार देवी देवताओं के चित्र या तिरंगे भारत माता के चित्र वाले पटाखे ना खरीद कर लाये।

हम आपसे सविनय विनम्र आग्रह करते है। हम इस तरह के किसी भी सामग्री को नही खरीदेंगे।

मैं संकल्प लेता हूँ।

*अपना नाम जोड़कर सभी को भेजें*

1)मंगलेश सोनी🚩
2) प्रवीण कोठारी धार
3)रामलाल सगित्रा राजोद
4)उमेश कोठारी रिंगनोद
5)सोहन पटेल
6)ललित कोठारी रिगनोद
7)विकाश जोशी
8)पं रोहित पाराशर
9)आचार्य ओमीश
10)
11)
12)
13)
14)
15)
16)
17)
18)
19)
20)
...........चाईना के बने सामान से बच सके तो वो भी उपयुक्त होगा।.....
आप भी अपना नाम लिखिए और सबको भेजिये ....मुझे भी

मै इन्तजार कर रहा हूं
[03/10 6:28 pm] पं. मंगलेश्वर त्रिपाठी: *एक अभियान*

कृपया कोई भी पटाखा व्यापारी इस बार देवी देवताओं के चित्र या तिरंगे भारत माता के चित्र वाले पटाखे ना खरीद कर लाये।
हम आपसे सविनय विनम्र आग्रह करते है। हम इस तरह के किसी भी सामग्री को नही खरीदेंगे।

मैं संकल्प लेता हूँ।

*अपना नाम जोड़कर सभी को भेजें*

1)मंगलेश सोनी🚩
2) प्रवीण कोठारी धार
3)रामलाल सगित्रा राजोद
4)उमेश कोठारी रिंगनोद
5)सोहन पटेल
6)ललित कोठारी रिगनोद
7)विकाश जोशी
8)पं रोहित पाराशर
9)आचार्य ओमीश
10)शिव शंकर
11)डॉ लक्ष्मण दूबे
12)महाकाल बाबा
13)मंगवेश्वर त्रिपाठी
14)
15)
16)
17)
18)
19)
20)
...........चाईना के बने सामान से बच सके तो वरो भी उपयुक्त होगा।.....
आप भी अपना नाम लिखिए और सबको भेजिये ....मुझे भी

मै इन्तजार कर रहा हूं

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